ओएनजीसी विदेश लिमिटेड के पास ईरानी गैस क्षेत्र में 30% की हिस्सेदारी
हाल ही में ओएनजीसी विदेश लिमिटेड के पास ईरानी गैस क्षेत्र में 30% की हिस्सेदारी का अधिकार प्राप्त हुआ है।
ईरान ने वर्ष 2020 में एक स्थानीय कंपनी को फारस की खाड़ी में स्थित फरजाद-बी (Farzad-B) गैस क्षेत्र के विकास का अधिकार प्रदान करने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के उपरांत भी भारत का दावा है कि ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (OVL) के नेतृत्व वाले भारतीय कंसोर्टियम को इस क्षेत्र में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त करने का अधिकार है।
भारतीय कंसोर्टियम मूल लाइसेंसधारी और इस क्षेत्र की खोज करने वाली इकाई है। अतः उसे संविदात्मक आधार पर इस भंडार के विकास और गैस के उत्पादन से संबंधित परियोजना में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त करने का अधिकार है।
ओएनजीसी विदेश का प्राथमिक व्यवसाय भारत के बाहर तेल और गैस के अन्वेषण, विकास एवं उत्पादन सहित तेल व गैस क्षेत्रों की खोज करना है।
OVL की मौजूदा विदेशी परिसंपत्तियां – ओएनजीसी विदेश लिमिटेड के पास ईरानी गैस क्षेत्र में 30% की हिस्सेदारी
स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल और सुदूर पूर्व में: अजरबैजान (कैस्पियन सागर और बाकू में), बांग्लादेश (बंगाल बेसिन में), म्यांमार (रखाइन तट में), रूस (सखालिन, साइबेरिया में) और वियतनाम (दक्षिण चीनसागर के नाम कोन सोन बेसिन में)।
मध्य पूर्व में: ईरान (फारस की खाड़ी में), इराक (पश्चिमी रेगिस्तान में), सीरिया (यूफ्रेट्स-ग्राबेन में) और संयुक्त अरब अमीरात (जाकुम में)।
अफ्रीका में :लीबिया (साइरेनिका बेसिन में), मोजाम्बिक (रोवुमा में) और दक्षिण सूडान (ग्रेटर नाइल ऑयल परियोजना में)।
लैटिनअमेरिका:ब्राजील (कैंपोस और सर्जिपबेसिन में), कोलंबिया विलास्केज में) और वेनेजुएला (ओरिनिको बेल्ट में)।
OVL के बारे में
यह पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक मिनीरत्न उद्यम है। यह तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ONGC) के पूर्ण स्वामित्व वाली एक सहायक और विदेश संबंधी शाखा है।
स्रोत – द हिन्दू