ऑस्ट्रेलिया का कोआला
हाल ही में, ऑस्ट्रेलियाई सरकार अपने देश के पूर्वी तट पर पाए जाने वाले ‘कोआला’ को एक लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध करने पर विचार कर रही है।
प्रमुख बिन्दु
- पिछले कुछ समय से ऑस्ट्रेलिया में पूर्वी तट कोआला की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। इसके अलावा, यह जीव वर्तमान में विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है।
- वर्तमान में, ऑस्ट्रेलिया का पूर्वी तट शहरी अतिक्रमण, अंधाधुंध विकास से प्रभावित है, जिससे यहां कोआला की संख्या में काफी कमी आई है।
- ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2019 और 2020 में ‘न्यूसाउथवेल्स’ और क्वींसलैंड राज्यों के जंगलों में भयंकर आग की घटना हो गई थी ,जिसे बुश फायर कहा गया था। इससे यहाँ कोआला (Koala) की लगभग 30% आबादी की मृत्यु हो गई थी।
कोआला (Koala)
- ‘कोआला’ ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पेड़ पर रहने वाले जानवरों की एक दुर्लभ प्रजाति है। यह जीनस ‘फास्कोलार्क्टिडे’ से संबंधित है, और दुनिया में इस प्रजाति का अंतिम दुर्लभ जानवर है।
- यह आमतौर पर पूर्वी और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
- ऑस्ट्रेलिया में जंगल की आग से बड़ी संख्या में कोआला मारे गए हैं, और उनके आवास का 30 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
ऑस्ट्रेलिया की बुशफायर (bushfires)
- ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में वर्ष 2020 में गर्मियों के मौसम में भीषण आग लग गयी थी, जिसे बुशफायर(bushfires) की संज्ञा दी जाती है।
- इस आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने तत्कालीन गर्मी के मौसम को ‘ब्लैक समर’ की संज्ञा दी थी।
- ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग में कई लोग और असंख्य वन्यजीव मारे गए थे। इस आग का भालू के समान ‘कोआला’ प्रजाति पर गंभीर प्रभाव पड़ा।
स्रोत – द हिन्दू