हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ऑफलाइन डिजिटल भुगतान के लिए रूपरेखा जारी की है। यह रूपरेखा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत जारी की गई है।
- ऑफलाइन भुगतान एक ऐसे लेनदेन को संदर्भित करता है, जिसे प्रभावी होने के लिए इंटरनेट या दूरसंचारकनेक्टिविटी की आवश्यकता नहीं होती है।
- इसमें अधिकृत भुगतान प्रणाली ऑपरेटर्स (PSOs) और भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों (PSPs) के लिए कुछ शर्तों के साथ कार्ड, वॉलेट या मोबाइलडिवाइस जैसे कोई भीमाध्यम या साधन शामिल हैं।
- इस रूपरेखा का उद्देश्य ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना है।इसके तहत 2,000 रुपये की कुल सीमा के साथ प्रति लेनदेन 200 रुपये तक के ऑफलाइन भुगतान की अनुमति प्रदान की गई है।
- इस नए फ्रेमवर्क के अंतर्गत छोटे मूल्य के भुगतान कार्ड, वॉलेट, मोबाइलडिवाइस आदि का उपयोग करके आमने-सामने (फेस-टू-फेस मोड) किए जा सकते हैं।
- इस तरह के लेनदेन के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (AFA) की आवश्यकता नहीं होगी।
- शिकायत निवारण के लिए RBI की एकीकृत लोकपाल योजना लागू होगी।
ऑफलाइन मोड भुगतान के लाभ –
- कम गति या बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले दूरदराज के क्षेत्रों में खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम करेगा।
- डिजिटल भुगतान तंत्र को बढ़ावा देगा और भुगतान प्रणाली में तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित करेगा।
स्रोत – द हिन्दू