ऑपरेशन ग्रीन योजना
- भारत सरकार ने इस वर्ष के बजट में 22 और उत्पादों को ऑपरेशन ग्रीन योजना– ‘TOPS’ के अंतर्गत शामिल करने का निर्णय लिया है।
- कृषि और संबद्ध उत्पादों में मूल्य वृद्धि और उनके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, भारत के वित्त मंत्री ने बजट 2021 में ऑपरेशन ग्रीन योजना का दायरा बढाते हुये इसमें 22 नए उत्पादों को शामिल करने की घोषणा की है। वर्तमान में ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत केवल टमाटर, प्याज, आलू (TOPs) ही शामिल हैं।
पृष्ठभूमि:
- पिछले वर्ष खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत पायलट परियोजना के तौर पर ऑपरेशन ग्रीन योजना को छः माह के लिए टमाटर, प्याज और आलू (TOP) से आगे बढ़ाकर सभी फलों और सब्जियों (TOTAL) तक विस्तारित किया था।
- जुलाई,2020 में भी सरकार ने किसानों और प्रसंस्करण-कर्ताओं को मौजूदा ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ के तहत 18 अन्य फलों और सब्जियों का अधिशेष उत्पादन क्षेत्रों से प्रमुख उपभोग केंद्रों तक परिवहन और भंडारण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ देने की घोषणा की थी।
- सरकार के इस हस्तक्षेप का उद्देश्य फल और सब्जियों के उत्पादकों को लॉकडाउन के कारण बिना भाव की बिक्री से बचाना और हार्वेस्टिंग के बाद के नुकसान को कम करना है।
ऑपरेशन ग्रीन्स क्या है?
- ऑपरेशन ग्रीन्स एक योजना है जिसकी घोषणा 2018-19 केबजट भाषण में की गई थी और इसके लिए बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
- इस योजना का उद्देश्य टमाटर, प्याज और आलू की आपूर्ति को बनाए रखना और दामों में उछाल के बिना पूरे देश में पूरे वर्ष इनकी उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।
ऑपरेशन ग्रीन के प्रधान लक्ष्य:
- टमाटर-प्याज-आलू के उत्पादन संकुलों और उनके कृषक उत्पादक संगठनों को सुदृढ़ करना और उन्हें बाजार से जोड़ना।
- टॉप संकुलों में उत्पादन की उपयुक्त योजना बनाकर मूल्य को स्थिर रखना।
- फसल टूटने के बाद होने वाली क्षति को घटाने के लिए फार्म गेट भवन बनाना, समुचित ढुलाई का प्रबंधन करना और भंडारों को खपत केन्द्रों (consumption centres) से जोड़ना।
- खाद्य प्रसंस्करण की क्षमता में वृद्धि करना।
- बाजार की जानकारी के विषय में एक ऐसा नेटवर्क तैयार करना जिससे टॉप फसलों की माँग और आपूर्ति के विषय में तत्क्षण आँकड़ें संगृहित किये जा सकें।
स्रोत – पीआईबी