चक्रवात प्रभावित म्यांमार की सहायता के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन करुणा‘ लॉन्च
हाल ही में चक्रवात मोचा से तबाह हुए म्यांमार की सहायता के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन करुणा’ (Operation Karuna) लॉन्च किया है।
राहत सामग्री लेकर भारतीय नौसेना के तीन जहाज 18 मई को यांगून पहुंचे। म्यांमार में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री को मानवीय सहायता और आपदा राहत (Humanitarian Assistance and Disaster Relief: HADR) सामग्री का पहला बैच सौंपा।
आईएनएस शिवालिक, आईएनएस कामोर्ता और आईएनएस सावित्री द्वारा 40 टन से अधिक HADR सामग्री भेजी गई, जिसमें आपातकालीन खाद्य पदार्थ, टेंट, पोर्टेबल जनरेटर, कपड़े, पानी के पंप, दवाएं, तिरपाल, स्वच्छता और सैनिटरी आइटम, व्हील चेयर, फेस मास्क आदि शामिल थे।
चौथा जहाज आईएनएस घड़ियाल भी आपातकालीन दवाओं और चिकित्सा किट सहित अधिक एचएडीआर सामग्री के साथ भेजा गया था।
चक्रवात मोखा
चक्रवाती मोखा, जिसने हाल ही में म्याँमार को प्रभावित किया है, को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान और विश्व भर की मौसम वेबसाइट ज़ूम अर्थ द्वारा ‘सुपर साइक्लोन’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
दक्षिण कोरिया के जेजू नेशनल यूनिवर्सिटी में टायफून रिसर्च सेंटर के अनुसार, वर्ष 2023 में यह पृथ्वी पर अब तक का सबसे शक्तिशाली चक्रवात बन गया है।
इस वर्ष अब तक उत्तरी और दक्षिणी दोनों गोलार्द्धों में 16 चक्रवात आ चुके हैं।
मोचा/मोखा नामकरण:
यमन ने ‘मोचा’ नाम सुझाया है जिसका उच्चारण मोखा के रूप में किया जाना चाहिये।
इस चक्रवात का नाम लाल सागर के एक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है जो अपने कॉफी उत्पादन के लिये जाना जाता है। इस शहर का लोकप्रिय पेय कैफे मोचा के रूप में प्रसिद्ध है।
उत्पत्ति: इसकी उत्पत्ति बंगाल की खाड़ी में हुई थी।
सुपर साइक्लोन मोचा ने बांग्लादेश और म्यांमार में व्यापक तबाही मचाई और सैकड़ों लोगों की जान ले ली।
म्यांमार में रखाइन राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जबकि बांग्लादेश में चक्रवात ने कॉक्स बाजार (Cox’s Bazar) में दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर में आश्रयों को नष्ट कर दिया, जहां म्यांमार से आए दस लाख रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं।
स्रोत – द हिन्दू