तमिलनाडु विधान सभा ने ऑनलाइन गैंबलिंग (जुए) पर प्रतिबंध
हाल ही में तमिलनाडु विधान सभा ने ऑनलाइन गैंबलिंग (जुए) पर प्रतिबंध संबंधी विधेयक फिर से पारित किया है।
पहली बार यह विधेयक 2022 में पारित हुआ था। राज्यपाल ने इस विधेयक को यह कहते हुए लौटा दिया था कि यह संविधान और न्यायिक निर्णयों के विरुद्ध है।
इससे पहले, तमिलनाडु में एक राज्य-स्तरीय अध्ययन ने दो स्तरों पर ऑनलाइन जुए के नकारात्मक प्रभावों को रेखांकित किया थाः
- व्यक्तिगत स्तर पर : नौकरी की हानि, मानसिक स्वास्थ्य मुद्दे, गंभीर ऋण आदि ।
- परिवार और सामाजिक स्तर परः पारिवारिक हिंसा, जाली पहचान का उपयोग आदि।
ऑनलाइन गैंबलिंग के तहत इंटरनेट के उपयोग के माध्यम से दांव (bet) लगाकर धन अर्जित किया जाता है। भारत में, ऑनलाइन गैंबलिंग ग्रे एरिया (अस्पष्ट ) के अंतर्गत आती है:
- केंद्र के पब्लिक गैंबलिंग अधिनियम, 1867 में कौशल आधारित खेल शामिल नहीं हैं। अधिनियम में इस स्पष्टीकरण का भी अभाव है कि कौन-से खेल कौशल आधारित खेल (Game of Skill) हैं और कौन-से संयोग आधारित खेल (Game of Chance) हैं। संयोग आधारित खेल ऐसे खेल हैं, जिनमें कौशल शामिल नहीं होता है या इन्हें जुए संबंधी गतिविधि के रूप में माना जाता है ।
- दांव और जुए (द्युत) का उल्लेख संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची -II में किया गया है। यह राज्यों को इनके विनियमन के लिए विशेष शक्ति प्रदान करती है।
- इसके आधार पर, कुछ राज्यों ने संशोधनों के साथ केंद्रीय अधिनियम को अपनाया है या अपने स्वयं के विशेष कानून बनाए हैं ।
- तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश आदि ने कौशल आधारित खेलों सहित सभी ऑनलाइन खेलों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पारित किए हैं ।
- हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी ऑनलाइन गेमिंग के विनियमन के लिए नियमों का एक मसौदा जारी किया है ।
स्रोत – द हिन्दू