यूरोपीय संघ के विधिनिर्माताओं द्वारा प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए ऑनलाइन कंटेंट पर नियम जारी
हाल ही में यूरोपीय संघ (EU) के विधिनिर्माताओं ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए ऑनलाइन कंटेंट पर नियम जारी किए हैं ।
इन नियमों की सहायता से दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों (जैसे फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, एप्पल आदि) द्वारा कंटेंट को प्रबंधित करने के तरीकों पर व्यापक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
नए नियमों के प्रमुख प्रावधानों में अवयस्कों के लिए लक्षित विज्ञापनों को कम करना शामिल है। साथ ही, डार्क पैटर्न पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अंतर्गत विभिन्न ट्रिक्स (ध्यानाकर्षण का प्रयास या भ्रामक तकनीक) का कंपनियों द्वारा उपयोगकर्ताओं को उन क्रियाकलापों को करने हेतु प्रभावित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिन्हें करने कीउनकी इच्छा नहीं होती है।
ये लोगों और व्यवसायों पर अत्यधिक निर्भर हैं। इन दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों की कार्यप्रणाली में गोपनीयता, सरक्षा, अविश्वास आदि जैसे कई मद्दे प्रकट हए हैं। इनमें उपयोगकर्ताओं की धारणा को आकार देने की पर्याप्त शक्ति विद्यमान है।
ऑनलाइन स्पेस का पुनरुद्धार करने के राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करते हुए, यूरोपीय संघ ने पारदर्शी और जवाबदेह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए दो प्रमुख नियम प्रस्तुत किए हैं:
- सुरक्षित डिजिटल स्पेस निर्मित करने, उपयोगकर्ताओं के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने और प्रौद्योगिकी कंपनियों को उनके प्लेटफॉर्म पर कंटेंट के लिए अधिक उत्तरदायी बनाने हेतु डिजिटल सर्विस एक्ट लागू किया जाएगा।
- दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों पर नियंत्रण को मजबूतकरने के लिए डिजिटल गेटकीपर के रूप में तथा नवाचार, विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने हेतु एक समान अवसर स्थापित करने के लिए डिजिटल मार्केट एक्ट लागू किया जाएगा।
भारत में की गई पहले
- सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 ।
- डिजिटलकॉमर्सफॉरओपननेटवर्क (ONDC) आदि।
स्रोत – द हिन्दू