वित्तीय परिसंपत्तियों के लिए ‘ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (AEOI) फ्रेमवर्क’

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वित्तीय परिसंपत्तियों के लिए ‘ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (AEOI) फ्रेमवर्क’

हाल ही में भारत चाहता है कि गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों को OECD के “ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (AEOI) फ्रेमवर्क” में शामिल किया जाए।

  • वर्तमान में, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) का AEOI फ्रेमवर्क हस्ताक्षरकर्ता देशों के बीच वित्तीय खातों का विवरण साझा करने का प्रावधान करता है । इसका उद्देश्य कर चोरी को नियंत्रित करना है ।
  • भारत OECD देशों के बीच सूचना के स्वचालित विनिमय के तहत रियल एस्टेट जैसी गैर – वित्तीय परिसंपत्तियों को शामिल करने पर बल दे रहा है।
  • AEOI के तहत स्रोत देश द्वारा करदाताओं से जुड़ी व्यापक जानकारियों के व्यवस्थित और आवधिक संग्रह को उस देश के साथ साझा किया जाता है, जहां करदाता का निवास है । ये जानकारियां निवास देश के किसी अनुरोध के बिना स्वतः साझा की जाती हैं ।
  • AEOI द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान, दोहरा कराधान परिहार समझौतों (DTAAs) के प्रावधानों और बहुपक्षीय अभिसमयों (MAAC) के तहत करने की अनुमति होती है।
  • सूचनाओं का यह विनिमय OECD के कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) के तहत किया जाता है।

कर चोरी को रोकने के लिए शुरू की गई अन्य वैश्विक पहलें

  • कर उद्देश्यों के लिए पारदर्शिता और सूचनाओं के आदान-प्रदान पर वैश्विक मंच की स्थापना की गई है। भारत भी इसका सदस्य है।
  • आधार क्षरण एवं लाभ हस्तांतरण (Base Erosion and Profits Shifting – BEPS) पर समावेशी फ्रेमवर्क ने ‘कंट्री – बाय – कंट्री’ रिपोर्टिंग फाइलिंग की आवश्यकता की शुरुआत की है। भारत ने भी इस फ्रेमवर्क पर सहमति व्यक्त की है।
  • कर-चोरी और कर-अपवंचन को रोकने के लिए अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा अपनाया गया है।
  • कर मामलों में पारस्परिक प्रशासनिक सहायता पर अभिसमय मौजूद है। भारत भी इसका एक हस्ताक्षरकर्ता है।
  • अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से उत्पन्न होने वाली कर संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए OECD ने टू-पिलर समाधान प्रस्तुत किया है। भारत भी इसका एक हिस्सा है।

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organization for Economic Co-operation and Development -OECD)

  • ओईसीडी की शुरुआत 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन (ओईईसी) के रूप में हुई थी, इसकी स्थापना दो विश्व युद्धों के उपरांत महाद्वीपीय पुनर्निर्माण विशेष रूप से यूएस-वित्त पोषित मार्शल योजना को लागू करने के लिए की गई थी।
  • 1961 में जब संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा इसमें शामिल हुए तब व्यापक सदस्यता सीमा को दर्शाने के लिए ओईईसी का नाम बदलकर ओईसीडी कर दिया गया।
  • आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) 38 सदस्य देशों के साथ एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1961 में आर्थिक प्रगति और विश्व व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी।
  • ओईसीडी का मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है। भारत ओईसीडी का सदस्य नहीं है।

स्रोत – द हिन्दू       

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