एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्स (ADR) की एक रिपोर्ट
हाल ही में, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्स (ADR) की एक रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक दलों ने वित्त वर्ष 2019-20 में 3,429.56 करोड़ रूपये के चुनावी बॉण्ड भुनाये हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्स (ADR) की एक रिपोर्ट के अनुसार, चार राष्ट्रीय दलों (सात में से) अर्थात् भाजपा (BJP), कांग्रेस (INC), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने वित्त वर्ष 2019-20 में अपनी कुल आय का 62.92% (2,993.826 करोड़) चुनावी बॉण्ड के माध्यम से एकत्रित अनुदान से अर्जित किया है।
चुनावी बॉण्ड (Electoral bonds) के बारे में:
- वर्ष 2017 के केंद्रीय बजट में घोषित चुनावी बॉण्ड ब्याज मुक्त धारक लिखत हैं। इनका उपयोग राजनीतिक दलों को अनामित रूप से धन दान करने के लिए किया जाता है।
- चुनावी बॉण्ड 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, 1 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के गुणकों में विक्रय किये जाते हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) उनके विक्रय के लिए अधिकृत एकमात्र बैंक है।
- कोई भी राजनीतिक दल जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत पंजीकृत है और जिसने हालिया आम चुनावों या विधानसभा चुनावों में कम से कम एक प्रतिशत मत प्राप्त किए हैं, वह चुनावी बॉण्ड प्राप्त करने के लिए पात्र है।
- दानकर्ता बॉण्ड खरीद सकते हैं और बाद में अपनी पसंद के राजनीतिक दल को दान कर सकते हैं। उस बॉण्ड को वह दल 15 दिनों के भीतर अपने सत्यापित खाते के माध्यम से भुना सकता है।
- एक व्यक्ति या कंपनी द्वारा ख़रीदे जाने वाले बॉण्ड की संख्या पर कोई सीमा आरोपित नहीं है।
- यदि कोई राजनीतिक दल 15 दिनों के भीतर बॉण्ड को भुनाने में विफल रहता है, तो SBI द्वारा उन बॉण्ड्स को प्रधान मंत्री राहत कोष में जमा करा दिया जाता है।
स्रोत – द हिन्दू