एशियाई जल पक्षी गणना‘ (AWC)
हाल ही में भारत में एशियाई जल पक्षी गणना’ (Asian WaterbirdCensus: AWC) आयोजित की जा रही है ।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की 7 आर्द्रभूमियों में AWC का संचालन किया जा रहा है- हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य; ग्रेटरनोएडा में धनौरी और सूरजपुरआर्द्रभूमि; दिल्ली चिड़ियाघर व संजय झील; ओखला पक्षी अभयारण्य; नजफगढ़ झील तथा यमुना नदी।
AWC के बारे में:
- इसे प्रत्येक वर्ष जनवरी में आयोजित किया जाता है। यह गणना वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथएशिया और बॉम्बेनेचुरलहिस्ट्री सोसाइटी (एक गैर सरकारीसंगठन) संयुक्त रूप से करते हैं।
- यह एक वैश्विक जलपक्षी निगरानी कार्यक्रम इंटरनेशनल वॉटरबर्डसेंसस (WC) का एक अभिन्न अंग है। इस कार्यक्रम का वेटलैंड्स इंटरनेशनल समन्वय करता है।
- इंटरनेशनल वॉटरबर्डसेंसस, आर्द्रभूमि स्थलों पर जल पक्षियों की संख्या के बारे में जानकारी एकत्र करने पर केंद्रित एक निगरानी कार्यक्रम है।
- यह अफ्रीका, यूरोप, पश्चिम एशिया, नियोट्रोपिक्स (मध्य और दक्षिण अमेरिका का भाग) तथा कैरिबियन में इंटरनेशनल वॉटरबर्डसेंसस के अन्य क्षेत्रीयकार्यक्रमों के समानांतर संचालित होता है।
- यह मध्य एशियाई उड़ान मार्ग पर प्रवासी पक्षियों और उनके पर्यावासों के संरक्षण के लिए पर्यावरण मंत्रालय की राष्ट्रीय कार्य योजना का भी एक महत्वपूर्णभाग है।
गणना के उद्देश्यः
- जनवरी का महीना अधिकांश प्रजातियों की गैर-प्रजनन अवधि होता है। अतः इस दौरान क्षेत्र में आर्द्रभूमियों पर जलपक्षियों की आबादी की वार्षिक आधार परजानकारी प्राप्त करना।
- वार्षिक आधार पर आर्द्रभूमियों की स्थिति की निगरानी करना।
- नागरिकों में जलपक्षियों और आर्द्रभूमियों के प्रति अधिक रुचि को प्रोत्साहित करना।
स्रोत –द हिन्दू