एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) ऊर्जा भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम
हाल ही में नीति आयोग ने ‘एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) ऊर्जा भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम’ रिपोर्ट जारी की है ।
रिपोर्ट के अनुसार भारत ACC ऊर्जा भंडारण के लिए 2.5 अरब डॉलर की उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना शुरू करने जा रहा है।
- यह योजना वर्ष 2030 तक अनुमानित संचयी बैटरी मांग को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाने और ग्रिड विकार्बनीकरण संबंधी देश के विजन को सफलतापूर्वक साकार करने के लिए 106-260 गीगा वाट प्रति घंटे (GWh) की संचयी बैटरी मांग की पूर्ति किए जाने की आवश्यकता है।
- इससे पहले, सरकार ने ‘ACC बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम’ नामक एक PLI योजना को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ACC की 50 GWh की उत्पादन क्षमता प्राप्त करना है।
- इसके तहत, विनिर्माताओं से दो वर्षों के भीतर कम से कम 25% घरेलू मूल्य वर्धन और पांच वर्षों के भीतर न्यूनतम 60% मूल्य वर्धन प्राप्त करने की अपेक्षा की गई है।
- एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकियां हैं। यह विद्युत ऊर्जा को या तो विद्युत रासायनिक या रासायनिक ऊर्जा के रूप में भंडारित कर सकती है। यह आवश्यकता पड़ने पर इसे वापस विद्युत ऊर्जा में बदल सकती है।
- यह एक वैश्विक सनराइज उद्योग है। इससे ऊर्जा और परिवहन मूल्य श्रृंखला के स्वदेशीकरण को गति मिलती है।
ACC प्रौद्योगिकी का महत्व –
- इलेक्ट्रिक वाहन लक्ष्य पूर्तिः इसका उद्देश्य EV 30@30 लक्ष्यों को पूरा करना है। इस लक्ष्य का अर्थ है वर्ष 2030 तक कुल वाहनों की बिक्री में 30% इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना।
- बैटरी लागत में कमीः इसलिए ऐसी तकनीक के अनुप्रयोग तेजी से आर्थिक रूप से व्यवहार्य होते जा रहे हैं।
- इससे ऊर्जा सुरक्षा प्राप्ति और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही,वर्ष 2070 तक जलवायु लक्ष्यों की प्राप्ति में भी मदद मिलेगी ।
अन्य संबंधित सुर्खियां–
- नीति आयोग ने ‘शून्य अभियान’ की एक-वर्षीय वर्षगांठ मनाई है।
- यह एक उपभोक्ता जागरूकता अभियान है। इसका उद्देश्य राइड-हेलिंग और डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के उपयोग को बढ़ावा देकर वायु प्रदूषण को कम करना है।
स्रोत –द हिन्दू