एग्रीस्टैक: कृषि क्षेत्र के लिए नया डिजिटल प्रयोजन
एग्रीस्टैक: कृषि क्षेत्र के लिए नया डिजिटल प्रयोजन
हाल ही में कृषि मंत्रालय द्वारा 100 गाँवों के लिये एक पायलट कार्यक्रम चलाया जाएगा इसके लिए कृषि मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किये हैं ।
इस समझौते के माध्यम से माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं के से’एकीकृत किसान सेवा इंटरफेस’ (Unified Farmer Service Interface) बनाने की आवश्यकता है।
इसमें ‘एग्रीस्टैक’ अर्थात ‘कृषि में प्रौद्योगिकी आधारित हस्तक्षेप का एक संग्रह’ बनाने की मंत्रालय की योजना का एक बड़ा भाग शामिल है, जिस पर बाकी सभी संरचनाएँ बनायी जाएंगी।
एग्रीस्टैक के बारे में:
- यह एक प्रौद्योगिकियों और डिजिटल डेटाबेस का एक संग्रह है, जो किसानों तथा कृषि क्षेत्र के लिए कार्य करेगा।
- एग्रीस्टैक किसानों को कृषि खाद्य मूल्य शृंखला में एंड टू एंड सर्विसेज़ उपलब्ध कराने के लिये एक एकीकृत मंच तैयार करेगा।
- यह केंद्र के ‘डिजिटल इंडिया प्रोग्राम’ को आगे ले जाने वाला है, जिसका उद्देश्य भारत में भूमि के डिजिटलीकरण से लेकर मेडिकल रिकॉर्ड तक के डेटा को डिजिटाइज़ करने के लिये व्यापक प्रयास करना है।
- इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (National Land Records Modernisation Programme – NLRMP) भी लागू कने जा रही है।
- इस कार्यक्रम से प्रत्येक किसान की एक विशिष्ट डिजिटल पहचान (किसानों की आईडी) होगी जिसमें उनके व्यक्तिगत विवरण, और उनके द्वारा खेती की जाने वाली भूमि की जानकारी होगी, साथ ही उत्पादन और वित्तीय विवरण भी सम्मिलित होंगे। किसानो की यह डिजिटल राष्ट्रीय आईडी आधार से जुड़ी होगी ।
लाभ
- भारत में अधिकांश किसान लघु, छोटे और सीमांत स्तर के किसान हैं, जिनकी उन्नत तकनीकों या औपचारिक ऋण तक सीमित पहुँच है जो उत्पादन में सुधार तथा बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं ।
- क्रेडिट और सूचना तक अपर्याप्त पहुँच, कीट संक्रमण, फसल की बर्बादी, फसलों की कम कीमत और उपज की भविष्यवाणी जैसी समस्याओं से डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग से पर्याप्त रूप से निपटा जा सकता है ।
- यह नवाचार को बढ़ावा देगा साथ ही कृषि क्षेत्र के निवेश में वृद्धि करेगा तथा अधिक लचीली फसलों के लिये अनुसंधान को बढ़ावा देगा ।
स्रोत: द हिन्दू
[catlist]