एक ज़िला – एक उत्पाद योजना (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट)
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार आंगनवाड़ी योजनाओं एवं प्राथमिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत गर्म-पकाए जाने वाले भोजन में ‘सुनहरी कंद’ को शामिल करेगा। यह नारंगी-मांसल मीठे आलू की भांति एक स्वादिष्ट एवं पोषक कंद होता है।
लाभ:
इससे बागवानी वस्तुओं के उत्पादन में सहायता मिलेगी और स्कूली बच्चों को बेहतर पोषण मिलेगा।
पृष्ठभूमि:
- ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना, मूल रूप से एक जापानी व्यवसाय विकास की अवधारणा है।इसे वर्ष 1979 में काफी प्रसिद्धि मिली थी।
- इसका उद्देश्य, किसी एक विशिष्ट क्षेत्र में स्थानीय आबादी के जीवन स्तर में सुधार करने हेतु उस क्षेत्र के प्रमुख एवं प्रतिस्पर्धी उत्पाद को बढ़ावा देना है। समय के साथ, इस अवधारणा को अन्य एशियाई देशों में भी लागू किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ कार्यक्रम के प्रारंभिक चरण के तहत, 27 राज्यों के 103 जिलों से 106 उत्पादों को चिह्नित किया गया है।
पश्चिम बंगाल को छोड़कर भारत के सभी राज्यों और जिलों में राज्य निर्यात संवर्धन समितिऔर जिला निर्यात संवर्धन समितिका गठन किया गया है।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना:
- ‘एक ज़िला-एक उत्पाद’ योजना की शुरुआत सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गयी थी।
- इस योजना का उद्देश्य राज्य में, संबंधित जिलों के पर्याय, पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहन प्रदान करना है।
- ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’का लक्ष्य, उत्पादन, उत्पादकता एवं आय, स्थानीय शिल्प का संरक्षण एवं विकास, कला को प्रोत्साहन, उत्पाद की गुणवत्ता और कौशल विकास में सुधार में वृद्धि करना है।
उत्तर प्रदेश की ‘एक ज़िला-एक उत्पाद’ योजना के मुख्य उद्देश्य:
- स्थानीय शिल्प / कौशल और कला के संवर्धन का संरक्षण और विकास;
- आय और स्थानीय रोजगार में वृद्धि;
- उत्पाद की गुणवत्ता और कौशल विकास में सुधार;
- उत्पादों को कलात्मक तरीके से रूप-परिवर्तन (पैकेजिंग, ब्रांडिंग के माध्यम से);
- उत्पादन को पर्यटन (लाइव डेमो और बिक्री आउटलेट – उपहार और स्मारिका) से जोड़ना;
- आर्थिक विषमता और क्षेत्रीय असंतुलन के मुद्दों को हल करना।
स्रोत – पी आई बी