राजस्थान ने भी हाल ही में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) को लागू कर दिया है। इस प्रकार राजस्थान एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना लागू करने वाला देश का 12वाँ राज्य बन गया है।
राष्ट्र एक राशन कार्ड लागू करने वाले 11 अन्य राज्य
आन्ध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश है।
एक राष्ट्र – एक राशन कार्ड योजना:
यह एक राष्ट्रीय योजना है जो यह सुनिश्चित करती है कि कि जन-वितरण प्रणाली से लाभ लेने वाले सभी व्यक्ति, विशेषकर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले, देश के अन्दर किसी भी अपनी पसंद की जन-वितरण प्रणाली (PDS)दुकान से अनाज आदि प्राप्त कर सकें।
अब तक यह सुविधा आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे 17 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में उपलब्ध कराई गई है।
योजना का महत्त्व:
- इस योजना के माध्यम से देश के सभी नागरिकों को एक कार्ड से पूरे देश में कहीं भी राशन उपलब्ध हो सकेगा तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सभी लोगों को अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
- इस योजना से गरीब, मज़दूर और ऐसे लोग लाभांवित होंगे जो जीविका, रोज़गार या किसी अन्य कारण से एक राज्य से दूसरे राज्य प्रवास करते हैं।
- इस योजना के फ़लस्वरूप लाभार्थी किसी एक PDS दुकान से बंधा नहीं रह जाएगा और ऐसी दुकान चलाने वालों पर उसकी निर्भरता घट जायेगी और साथ ही भ्रष्टाचार के मामलों में भी कटौती होगी।
चुनौतियाँ:
- यदि एक राष्ट्र – एक राशन कार्ड योजना लागू की गई तो संभावना है कि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिले,क्योंकि प्रत्येक राज्य के पास जन-वितरण प्रणाली के विषय में अपने नियम होते हैं।
- इस योजना में बिचौलिए तथा भ्रष्ट PDS दुकान के मालिक उसका शोषण की संभावनाएं हैं,इन्हीं कारणों से तमिलनाडु ने इस योजना का विरोध किया है।
- तमिलनाडु ने कहा है कि इसको लागू करने से अवांछित परिणाम होंगे। साथ ही उसका कहना है कि यह योजना संघवाद पर कुठाराघात करती है।
स्रोत – पीआइबी