आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ने एकीकृत श्रम क़ानून का आह्वान किया
हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ने एकीकृत श्रम क़ानून का आह्वान किया है ।
वर्ष 2019 में केंद्र ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को समेकित करने के लिए चार श्रम संहिताएं प्रस्तुत की थी।
इन्हें अभी अधिसूचित किया जाना शेष है और सरकार आगामी वित्त वर्ष 2022-23 तक इन्हें प्रस्तुत करने की योजना बना रही है।
केंद्र ने फरवरी 2021 में इन संहिताओं पर मसौदा नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। केंद्र और राज्यों दोनों को इन कानूनों को अपनी संबंधित अधिकारिता में लागू करने के लिए उपर्युक्त वर्णित चार संहिताओं के तहत नियमों को अधिसूचित करने की आवश्यकता होती है। इसका कारण यह है कि श्रम समवर्ती सूची के अंतर्गत आने वाला विषय है।
हालांकि, EAC-PM द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में श्रम संहिता में कमियां रेखांकित की गई हैं-
- श्रम सुधारों ने सभी श्रम कानूनों का व्यापक दृष्टिकोण नहीं अपनाया है। उदाहरण के लिए- सभी प्रकार के श्रमिकों को शामिल नहीं किया गया है।
- पारिभाषिक विसंगतियों को संबोधित नहीं किया गया है। उदाहरण के लिए- समुचित सरकार के अधिकार क्षेत्र पर स्पष्टता।
- श्रम कानून सुधारों पर राजनीतिक पूंजी व्यय करने की आवश्यकता को प्रश्नगत किया गया है। यह पूंजी व्यय रोजगार सृजन के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
EAC-PM द्वारा दिए गए प्रमुख सुझाव
- वर्ष 2006 के बांग्लादेश श्रम अधिनियम के अनुरूप एकीकृत श्रम संहिता निर्मित की जा सकती है।
- श्रम कानूनों को और सरल बनाना चाहिए।
- रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वैकल्पिक नीतिगत प्रयास करने चाहिए।
- ध्यातव्य है कि EAC-PM भारत सरकार (विशेष रूप से प्रधानमंत्री) को आर्थिक और संबंधित मुद्दों पर परामर्श देने के लिए गठित एक स्वतंत्र निकाय है।
4 श्रम संहिता
वेतन संहिता, 2019: इसका उद्देश्य सभी नियोजनों में वेतन और बोनस भुगतान को विनियमित करना तथा समान प्रकृति का कार्य करने वाले कर्मचारियों को समान पारिश्रमिक प्रदान करना है।
सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 : यह सामाजिक सुरक्षा और मातृत्व लाभ से संबंधित नौ कानूनों को समेकित करता है।
औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 : उद्योगों के श्रम अनुपालन बोझ को कम करके कारोबारी परिवेश में सुधार करना।
उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020 : 10 या अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों में और सभी खदानों तथा डॉक्स में श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की स्थिति को विनियमित करना।
स्रोत – पी आई बी