भारत ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य 2047 वर्जन 3.0
हाल ही में नीति आयोग संशोधित भारत ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य (India Energy Security Scenarios- IESS) 2047 V 3.0 जारी किया गया।
इस रिपोर्ट का उपयोग भारत सरकार की विभिन्न हरित ऊर्जा नीतियों के एकीकृत प्रभाव का आकलन करने के लिये क्या जायेगा
इसके अलावा नीति आयोग द्वारा भारत जलवायु ऊर्जा डैशबोर्ड (India Climate Energy Dashboard- ICED) 3.0 भी जारी किया गया है ।
‘भारत जलवायु ऊर्जा डैशबोर्ड’ सरकार द्वारा प्रकाशित स्रोतों के आधार पर ऊर्जा क्षेत्र, जलवायु और संबंधित आर्थिक डेटा के संबंध में रियल-टाइम डेटा हेतु देश का एक व्यापक प्लेटफॉर्म है।
IESS आकलन के लिए वर्ष 2020 को बेसलाइन के रूप में मानकीकृत किया गया है और इसकी वर्ष 2022 तक के लिये जाँच भी की गई है।
IESS 2047 V3.0 की विशेषता और कार्यप्रणाली:
IESS नवीकरणीय खरीद दायित्व, पीएम-कुसुम, हरित हाइड्रोजन मिशन, अपतटीय पवन रणनीति जैसे वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों से संबंधित नीतियों पर विचार करते हुए देश में ऊर्जा की मांग और आपूर्ति का आकलन करता है।
IESS 2047 का लक्ष्य वर्ष 2047 तक उत्सर्जन, लागत, भूमि और जल की आवश्यकताओं का विश्लेषण करते हुए भारत को एक धारणीय तथा शुद्ध-शून्य ऊर्जा भविष्य की ओर अग्रसर करना है।
IESS 2047 उपयोकर्त्ताओं को उद्योग, सेवाओं, कृषि, जनसंख्या, शहरीकरण और अंतिम-उपयोग आधार पर अनुकूलित अनुप्रयोगों के विकल्प विकसित करने में सहायता करता है।
देश की ऊर्जा ज़रूरतों का विश्वसनीय अनुमान प्रदान करके IESS 2047 बाहरी एजेंसियों पर भारत की निर्भरता को कम करने में सहायता करता है।
भारत के पंचामृत लक्ष्य:
वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (GW) गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना।
वर्ष 2030 तक भारत की 50% ऊर्जा आवश्यकता को नवीकरणीय ऊर्जा (RE) स्रोतों से पूरा करना।
वर्ष 2030 तक अर्थव्यवस्था में कार्बन तीव्रता को वर्ष 2005 के स्तर से 45% कम करना।
वर्ष 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन तक कम करना।
वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करना।
भारत के ऊर्जा परिवर्तन को आकार देने वाली महत्वपूर्ण पहल:
राष्ट्रीय सौर मिशन (NSM),राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति और SATAT,लघु जल विद्युत (SHP)
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA),प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) और हरित ऊर्जा कॉरिडोर (GEC)
स्रोत – पी.आई.बी.