ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022
- हाल ही में ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 राज्य सभा में प्रस्तुत किया गया है।
- इस विधेयक को पहले लोक सभा ने पारित कर दिया था। इसके द्वारा ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 में संशोधन किया जाएगा।
इस विधेयक से निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति होगी:
- COP – 26 लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी;
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अक्षय ऊर्जा और घरेलू कार्बन बाजार के विकास को बढ़ावा मिलेगा;
- भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से विकार्बनीकरण को सुनिश्चित करने के लिए कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग जैसी अवधारणाओं को शुरू किया जा सकेगा आदि ।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
- कार्बन ट्रेडिंग: यह विधेयक केंद्र सरकार को कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना शुरू करने का अधिकार प्रदान करता है।
कार्बन क्रेडिट एक व्यापार योग्य परमिट होता है। यह किसी कंपनी को एक निश्चित मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड या अन्य ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करने की अनुमति देता है ।
ऊर्जा के गैर जीवाश्म स्रोतों का उपयोग करने का दायित्व :
- सरकार, कुछ निर्धारित उपभोक्ता समूहों के लिए ऊर्जा खपत का एक न्यूनतम आवश्यक हिस्सा गैर- जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त करना अनिवार्य कर सकती है।
- हरित भवनों के लिए ऊर्जा संरक्षण और सतत भवन संहिता के प्रावधान किए गए हैं।
- वर्ष 2001 के अधिनियम में यह संहिता कुछ मानदंडों को पूरा करने वाले वाणिज्यिक भवनों तक ही सीमित थी ।
- वर्तमान विधेयक में कार्यालय और आवासीय भवनों को भी इस संहिता के दायरे में लाया गया है।
वाहनों और पोतों के लिए मानक:
- विधेयक में वाहनों (मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत परिभाषित) और जलपोतों ( जहाजों और नावों सहित) को शामिल करने के लिए इसके दायरे का विस्तार किया गया है।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) की शासी परिषद में सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो(BEE)
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो(BEE), विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
- यह भारतीय अर्थव्यवस्था के ऊर्जा आधिक्य को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ विकासशील नीतियों और रणनीतियों विकसित करने में सहायता करता है।
स्रोत – द हिन्दू