ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति (ETAC) की ऊर्जा संक्रमण रिपोर्ट
हाल ही में ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति(ETAC) ने “द ग्रीन शिफ्ट: द लो कार्बन ट्रांजिशन ऑफ इंडियाज ऑयल एंड गैस सेक्टर” पर रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoP&NG) के अधीन ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति (ETAC) का गठन किया गया था । इस समिति का उद्देश्य देश में सार्वजनिक क्षेत्रक के तेल व गैस उपक्रमों के लिए ऊर्जा संक्रमण का मार्ग तैयार करना है।
ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition) की आवश्यकता क्यों है?
- वैश्विक स्तर पर भारत तीसरा सबसे बड़ा CO2 उत्सर्जक देश है। साथ ही, इस उत्सर्जन के प्रति वर्ष 5 गुना बढ़कर लगभग 6 गीगाटन होने का अनुमान है। वहीं स्वच्छ ऊर्जा की ओर संक्रमण से उत्सर्जन में कमी आएगी।
- ऊर्जा (विशेष रूप से तेल और गैस) के उत्पादन एवं आपूर्ति पर कुछ देशों का एकाधिकार है तथा भारत अपनी अधिकतर ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है ।
- वर्ष 2019 में विश्व में जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित देशों में भारत 7वें स्थान पर था ।
ऊर्जा संक्रमण के लिए सिफारिशें
- वर्ष 2035 तक ऊर्जा खपत में ग्रिड से वितरित विद्युत का हिस्सा मौजूदा 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत तक किया जाना चाहिए ।
- जैव ईंधन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नए फीडस्टॉक्स पर अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ।
- वर्ष 2027 तक दस लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों में डीजल से चलने वाले चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।
- LPG में सम्मिश्रित (ब्लेंडिंग) किए जाने वाले विकल्पों पर शोध किए जाने की आवश्यकता है ।
- आगामी 15 वर्षों में, राष्ट्रीय स्तर पर माल ढुलाई (फ्रेट ) में रेलवे की हिस्सेदारी वर्तमान 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जानी चाहिए।
- वर्ष 2024 से, शहरों में माल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने वाले (city delivery vehicles) केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का ही पंजीकरण करना चाहिए ।
स्रोत – इंडिया टूडे