उपग्रह आधारित नौसेना अनुप्रयोगों पर सहयोग के लिये समझौता ज्ञापन
हाल ही में अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (Space Application Centre-SAC) और भारतीय नौसेना के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुआ है।
यह समझौता समुद्र विज्ञान तथा मौसम विज्ञान में उपग्रह आधारित नौसेना अनुप्रयोगों पर डेटा साझाकरण एवं सहयोग पर किया है।
समझौता ज्ञापन की मुख्य विशेषताएँ:
यह सहयोग को बढ़ाएगा और आपसी सहयोग के एक साझा मंच की शुरुआत करेगा।
- अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र द्वारा वैज्ञानिक प्रगति को उपग्रह डेटा पुनर्प्राप्ति और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में तेज़ी से विकास के साथ राष्ट्र की रक्षा सुनिश्चित करने के लिये भारतीय नौसेना के प्रयासों के साथ तालमेल बिठाया जाएगा।
- इसके तहत गैर-गोपनीय अवलोकन डेटा को साझा किया जाएगा ।
- अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) से उत्पन्न मौसम संबंधी जानकारियों का सैन्य अभियानों में इस्तेमाल और नए उपकरणों के विकास, अंशांकन और ओशन मॉडल के सत्यापन के लिये उपग्रह डेटा के प्रसंस्करण हेतु विषय विशेषज्ञों (एसएमई) का प्रावधान शामिल है।
- साथ ही इसमें महासागरीय मॉडलों का अंशांकन एवं सत्यापन प्रदान करना भी शामिल है।
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र:
- ‘अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र’ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है।
- यह अहमदाबाद में स्थित है और बहु-विषयक गतिविधियाँ करता है।
- केंद्र की मुख्य क्षमता अंतरिक्ष-जनित और वायु-जनित उपकरणों / पेलोड के विकास तथा राष्ट्रीय विकास एवं सामाजिक लाभ के लिये उनके अनुप्रयोगों में निहित है।
- ये अनुप्रयोग विविध क्षेत्रों में किये जा रहे हैं और मुख्य रूप से देश की संचार, नेविगेशन एवं रिमोट सेंसिंग आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र की उपलब्धियाँ:
- केंद्र ने इसरो के वैज्ञानिक और ग्रह मिशन जैसे- चंद्रयान -1, मार्स ऑर्बिटर मिशन आदि में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- सेंटर फॉर इंडियन नेशनल सैटेलाइट (INSAT) और जियो सिंक्रोनस सैटेलाइट (GSAT) शृंखला के उपग्रहों में विकसित संचार ट्रांसपोंडर का उपयोग सरकारी एवं निजी क्षेत्र द्वारा वीसैट, डीटीएच, इंटरनेट, प्रसारण, टेलीफोन आदि के लिए किया जाता है।
स्रोत –द हिन्दू