क्रेडिट कार्ड खर्च भी उदारीकृत प्रेषण योजना में शामिल
हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा घोषणा की गयी कि क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए गए ख़र्च को अब उदारीकृत प्रेषण योजना के तहत लाया जायेगा।
महत्वपूर्ण तथ्य :
- यह व्यवस्था 1 जुलाई, 2023 से लागू होगी। इसके तहत क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए गए ख़र्च पर अब 20 फ़ीसदी का स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) आरोपित किया जाएगा।
- किसी व्यक्ति द्वारा अपने अंतरराष्ट्रीय डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके प्रति वित्त वर्ष किए जाने वाले 7 लाख रुपये तक के किसी भी भुगतान को एलआरएस सीमा से बाहर रखा जाएगा, अत: इस पर कोई टीसीएस नहीं लगेगा।
- अब तक डेबिट कार्ड या फ़ोरेक्स कार्ड से पैसों का लेन-देन ही इस योजना में आता है, अब क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेन-देन को भी इसमें शामिल कर लिया गया है।
- हालांकि स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े खर्च इसके अंतर्गत शामिल नहीं होंगे।
उदारीकृत प्रेषण योजना
- उदारीकृत प्रेषण योजना के तहत, नाबालिगों सहित सभी निवासी व्यक्तियों को किसी भी अनुमत चालू या पूंजी खाता लेनदेन या दोनों के संयोजन के लिए प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) में 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक मुक्त रूप से विप्रेषित करने की अनुमति है।
- एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक बार 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक की राशि का प्रेषण किए जाने के बाद, एक निवासी व्यक्ति इस योजना के तहत कोई और प्रेषण करने के लिए पात्र नहीं होगा।
- इस सीमा से अधिक के किसी भी प्रेषण के लिए आरबीआई से पूर्व अनुमति की आवश्यकता होती है।
- यह योजना 25,000 अमेरिकी डॉलर की सीमा के साथ 4 फरवरी, 2004 को शुरू की गई थी।
- प्रेषक के अवयस्क होने की स्थिति में, एलआरएस घोषणा पत्र पर अवयस्क के प्राकृतिक अभिभावक द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित होना चाहिए।
- यह योजना कॉर्पोरेट्स, पार्टनरशिप फर्मों, HUF, ट्रस्टों आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।
स्रोत – पी.आई.बी.