उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना
सरकार ने वस्त्रों के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना हेतु परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए गए ।
उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना आगामी पांच वर्षों में देश में उच्च मूल्य के मानव निर्मित रेशों (Man-Made Fiber: Mms) के परिधान, MMF वस्त्र और तकनीकी वस्त्रों के दस खंडों या उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
परिचालन दिशा-निर्देश
- PLI उत्पादकों को दी गई छूटको संदर्भित करता है। इस छूट की गणना निर्माता की बिक्री के एक निश्चित प्रतिशत के रूप में की जाती है (इसमें संदर्भित बिक्री, कुल बिक्री या वृद्धिशील बिक्री शामिल हो सकती है) ।
- इसमें भाग लेने वाली कंपनियों हेतु प्रोत्साहन संबंधी लाभ प्राप्त करने के लिए निश्चित कुल बिक्री और न्यूनतम निवेश दोनों प्राप्त करना अनिवार्य बनाया गया है।
- कंपनियों को प्रोत्साहन प्राप्त करने हेतु अनुमोदित उत्पादों के निर्माण के लिए 100-300 करोड़ रुपयेके मध्य निवेश करने की आवश्यकता है।
- प्रोत्साहन हेतु योग्य गतिविधियों के संचालन के लिए कंपनियों को वित्तीय वर्ष 2023 से वित्तीय वर्ष 2024 तक दो वर्षों की परिपक्वता अवधि प्रदान की गई है।
भारतीय वस्त्र उद्योगः
प्रमुख तथ्य:
- भारत के वस्त्र उद्योग में लगभग 5 करोड़ कर्मचारी कार्यरत हैं।
- यह उद्योग उत्पादन में 73 (मूल्य के अनुसार), सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2% तथा निर्यात आय में 12% का योगदान करता है। वर्ष 2018-19 में वस्त्र और परिधान के वैश्विक व्यापार में भारतीय वस्त्र उद्योग का योगदान 5% था।
- भारत विश्व में कपास और जूट का सबसे बड़ा उत्पादक, रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक तथा तकनीकी वस्त्रों का छठा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
- भारत, चीन के बाद MMF फाइबर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अन्य सरकारी पहलें:
- इस क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति प्रदान की गई है।
- संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (A-TUFS) आरंभ की गई है।
- राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन प्रारंभ किया गया है।
- पी.एम.मित्र (मेगाइंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल) पार्कों की स्थापना की जा रही है।
स्रोत – द हिन्दू