उत्तर प्रदेश सरकार की नई जनसंख्या नीति, 2021-2030
उत्तर प्रदेश सरकार की नई जनसंख्या नीति, 2021-2030
उत्तर प्रदेश सरकार द्वाराविश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) पर, वर्ष 2021-2030 की अवधि के लिए एक ‘नई जनसंख्या नीति’ (New Population Policy) की घोषणा की गयी है।
इस नई नीति में, जनसंख्या नियंत्रण में योगदान करने वालों के लिए प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है।
नई नीति का उद्देश्य
- इस नीति का उद्देश्य जन्म दर को वर्ष 2026 तक 1 प्रति हजार जनसंख्या और वर्ष 2030 तक 1.7 प्रति हजार जनसंख्या तक लाना है।
- आधुनिक गर्भनिरोधक प्रचलन दर को, वर्तमान में 31.7 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2026 तक 45 प्रतिशत और वर्ष 2030 तक 52प्रतिशत करना है।
- पुरुषों द्वारा उपयोग किए जाने वाले गर्भनिरोधक तरीकों को, वर्तमान में 10.8प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2026 तक 15.1प्रतिशत और वर्ष 2030 तक 16.4प्रतिशत करना है।
- मातृ मृत्यु दर को 197 से घटाकर 150 से 98 तक और शिशु मृत्यु दर को 43 से घटाकर 32 से 22 तक और 5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं की मृत्यु दर को 47 से घटाकर 35 से 25 तक लाना है।
- इस नीति के प्रमुख बिंदुओं में बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक प्रावधान, 11 से 19 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण का बेहतर प्रबंधन तथा स्कूलों में हेल्थ क्लब्स का गठन शामिल है।
जनसंख्या नीति की आवश्यकता
- भारत में जनसंख्या विस्फोट को निर्धनता के एक प्रमुख कारण के रूप में देखा जाता है। एक दशक से भी कम समय में भारत की जनसंख्या के चीन की जनसंख्या से अधिक हो जाने का अनुमानलगाया गया है।
- ज्ञातव्य हो कि अधिक जनसंख्या से उपलब्ध संसाधनों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। सभी नागरिकों को, सस्ता एवं पौष्टिक भोजन, सुरक्षित जल, उपयुक्त आवास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आर्थिक एवं आजीविका हेतु अवसर, घरेलू उपभोग हेतु बिजली और सुरक्षित जीवन सहित मानव जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं की उपलब्धता सुलभ होने के लिए ये उपाय अविलंब लागू करना आवश्यक है।
जनसंख्या नियंत्रण हेतु की गई पहलें
- राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 का दीर्घकालिक उद्देश्य वर्ष 2045 तक स्थिर जनसंख्या की स्थिति प्राप्त करना है।
- यह स्थिति संधारणीय आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के साथ सुसंगत होगी।
- गर्भ निरोधकों और परिवार नियोजन सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए मिशन परिवार विकास-2017 आरंभ किया गया है।
जनसंख्या नीति से जुड़े मुद्दे चिंताएं
दीर्घ काल में नकारात्मक प्रभावः चीन ने अपने नागरिकों पर सख्त जनसंख्या नियंत्रण उपायों को लागू किया है, जिसका दीर्घावधि में देश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
समग्र जनसंख्या वृद्धि में स्थिरताः कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate: TER) वर्तमान में 2.2 बच्चे है, जो शीघ्र ही प्रतिस्थापन स्तर (replacement level)(2.1) तक पहुंच जाएगी।
- जनसंख्या नीतियां, महिलाओं और लड़कियों के प्रजनन अधिकारों के लिए उल्लंघनकारी प्रतीत होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण को संकट में डालने वाली ऐसी किसी भी जनसंख्या नीति के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
- इस तरह की नीति से गर्भनिरोधक और परिवार नियोजन का बोझ महिलाओं पर असमान रूप से पड़ता है।साथ ही इस नीति के लागू होने से महिला नसबंदी में और वृद्धि होने की संभावना है।
- भारत में पुत्र प्राप्ति को वरीयता देने की मानसिकता के चलते, कड़े जनसंख्या नियंत्रण उपायों से असुरक्षित गर्भपात एवं भ्रूण हत्याओं जैसी प्रथाओं में वृद्धि होने की संभावना बढ़ जाती है। इस तरह के उदाहरण, अतीत में कुछ राज्यों में देखे जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति के प्रमुख प्रावधानः
- परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत जारी किए गए गर्भनिरोधक उपायों की सुलभता में वृद्धि के प्रयास करना और सुरक्षित गर्भपात के लिए एक उचित प्रणाली प्रदान करना।
- नवजात शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को कम करना। जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों का अनुपालन करने वाले कर्मचारियों को पदोन्नति, आवास योजनाओं में रियायतें और अन्य सुविधाएं प्रदान करना।
- बुजुर्गों की देखभाल और 11 से 19 वर्ष की आयु के किशोरों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण का बेहतर प्रबंधन करना।सरकार महिलाओं के लिए सुरक्षित गर्भपात की सुविधा भी आरंभ करेगी।
स्रोत:द हिन्दू