हाल ही में केंद्रीय विद्युत् मंत्री ने संसद में उदय (उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना) योजना के निष्पादन की समीक्षा प्रस्तुत की है।
- समीक्षा में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार, निजी क्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनियों (DISCOMS) ने वित्त वर्ष 2016 और वित्त वर्ष 2020 के बीच राज्य के स्वामित्व वाले समकक्षों की तुलना में दक्षता के स्तर में तीव्र सुधार दर्ज किया है।
- ज्ञातव्य है कि डिस्कॉम्स विश्लेषण की अवधि की शुरुआत में पहले से ही अधिक कुशल रहे हैं।
- राज्य उपयोगिताओं ने समग्र तकनीकी तथा वाणिज्यिक (Aggregate Technical and Commercial: AT&C) हानि में वित्त वर्ष 2016 के 23.7% की तुलना में वित्त वर्ष 2020 में 20.9 प्रतिशत की औसत गिरावट सूचित की है।
- साथ ही, विद्युत आपूर्ति की औसत लागत और प्राप्त औसत राजस्व (ACS&ARR) अंतराल में कमी को भी सूचित किया है।
- ध्यातव्य है कि केंद्र ने डिस्कॉम्स की वित्तीय स्थिरता और परिचालन प्रदर्शन में सुधार के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में वित्त वर्ष 2016 में उदय योजना की शुरुआत की थी। इस योजना में ऋण पुनर्गठन पर विशेष बल दिया गया है।
- इसका उद्देश्य वित्त वर्ष 2019 तक विद्युत वितरण कंपनियोंके लिए AT&C हानि को 15 प्रतिशत तक कम करना और प्रति यूनिट ACSSARR अंतराल को शून्य स्तर तक कम करना था।
- हालांकि, यह योजना निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करने में विफल रही है। इसके परिणामस्वरूप सरकार ने वर्ष 2021 में 3.03 लाख करोड़ रुपये की लागत के साथ सुधार आधारित और परिणाम संबद्ध एक नई योजना पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना की घोषणा की थी।
- इस नवीन योजना के अंतर्गत डिस्कॉम्स को आपूर्ति से संबंधित बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए परिणाम संबद्ध वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
उद्देश्य- वर्ष 2024-25 तक अखिल भारतीय स्तर परAT&C हानियों को 12-15% तक कम करना और वर्ष 2024-25 तक ACS&ARR अंतराल को शून्य करना है।
स्रोत –द हिन्दू
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