संसदीय स्थायी समिति द्वारा उच्च शिक्षा में सुधार की मांग
हाल ही में शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने उच्च शिक्षा में सुधार की मांग की है
संसदीय स्थायी समिति ने शिक्षा मानकों, प्रत्यायन (accreditation) प्रक्रिया, अनुसंधान, परीक्षा सुधारों आदि की समीक्षा की है।
भारत में उच्चतर शिक्षा प्रणाली विश्व की सबसे बड़ी उच्चतर शिक्षा प्रणालियों में से एक है। यहां लगभग 55,000 उच्चतर शिक्षा संस्थान हैं। इनमें लगभग 3.85 करोड़ छात्र नामांकित हैं। भारत में उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन दर 27.1% (2019-20) है।
मुख्य टिप्पणियां
- केवल 30% विश्वविद्यालय और 20% कॉलेज प्रत्यायन प्रणाली में हैं। प्रत्यायन प्रणाली, न्यूनतम मानदंड बनाने के लिए मानकीकरण प्रक्रिया है।
- कई डीम्ड विश्वविद्यालयों ने तेजी से धन कमाने के लिए मुक्त दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू किया है। इससे गुणात्मक शोध कार्य कमजोर हो रहा है।
- कई राज्य विश्वविद्यालय नियमित रूप से मूल्यांकन को सुचारू रूप से जारी रखने में विफल रहे हैं। अक्सर प्रश्न पत्र लीक होने और नकल जैसे बड़े मामले दर्ज किये जाते रहे हैं।
प्रमुख सिफारिशें
- संस्थानों को प्रत्यायन प्रणाली के अंतर्गत लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रत्यायन की आवृत्ति और समयावधि के लिए मानदंड परिभाषित किये जाने चाहिए।
- प्रत्यायन प्रक्रिया में संस्थान की परीक्षा प्रबंधन योग्यता पर भी विचार किया जाना चाहिए।
- शिक्षा को बुनियादी ढांचे के समान माना जाना चाहिए। साथ ही, इन्हें लंबी अवधि के लिए ऋण और निधि प्रदान की जानी चाहिए।
- पुस्तकालयों, अवसंरचना आदि जैसे संसाधनों को साझा करके उच्चतर शिक्षा में सामूहिक प्रणाली को अपनाना चाहिए।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (छात्र आदान-प्रदान, शिक्षक आदान-प्रदान आदि) को बढ़ावा देना चाहिए।
- उच्चतर शिक्षा संस्थानों के लिए दान और सामुदायिक योगदान को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
स्रोत –द हिन्दू