उच्चतम न्यायालय जेल अधिकारियों को जमानत आदेश तत्काल प्रेषित करने की योजना आरंभ करेगा
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने ‘फास्ट एंड सिक्योर ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक रेकॉर्ड्स’ (फास्टर) नामक एक नई योजना की घोषणा की है।
इसके द्वारा, उच्चतम न्यायालय तत्काल जमानत की अनुमति देने के लिए जेल अधिकारियों, जिला अदालतों और उच्च न्यायालयों को जमानत संबंधी एवं अन्य आदेश इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित कर सकेगा।
न्यायालय ने इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया था। ज्ञातव्य हो कि उत्तर प्रदेश की एक जेल में जेल अधिकारियों ने जमानत प्राप्त करने के उपरांत भी आरोपियों को रिहा करने में चार दिन का समय लिया था।
इससे पूर्व, CJI की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पुलिस कोमहामारी के दौरान गिरफ्तारी को सीमित करने का आदेश दिया था, ताकि जेलों में भीड़ कम की जा सके।
भारत में जेल सांख्यिकी
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, वर्ष 2019 में,कैदियों की कुल संख्या जेल क्षमता का 118.5 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2010 से सबसे अधिक थी।
- राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि अत्यधिक भीड़युक्त जेलों वाले राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की संख्या वर्ष 2018 में 18 से बढ़कर वर्ष 2019 में 21 हो गई थी।
- वर्ष 2019 में, सभी कैदियों में से 69 प्रतिशत विचाराधीन कैदी थे।
सिफारिशें:
- विधि आयोग ने अनुशंसा की है कि 7 वर्ष तक के कारावास के अपराधों के लिए अधिकतम दंड का एक तिहाई पूरा करने वाले विचाराधीन कैदियों को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
- वर्ष 1980 में गठित जेल सुधार पर अखिल भारतीयसमिति ने सरकार को प्रत्येक राज्य और संघ शासित प्रदेश में खुली जेलों की स्थापना एवं उनका विकास करने की संस्तुति की थी।
स्रोत – द हिन्दू