ई-गवर्नेस पर “हैदराबाद घोषणा” को अपनाया गया
हाल ही में ई-गवर्नेस पर “हैदराबाद घोषणा” को अपनाया गया है इस 24वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेस सम्मेलन ने सभी की सहमति से हैदराबाद घोषणा को स्वीकार किया है।
- यह सम्मेलन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeITY) तथा प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने संयुक्त रूप से तेलंगाना सरकार के सहयोग सेआयोजित किया था।
- ई-गवर्नेस सरकार के सभी स्तरों पर सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का उपयोग है। इसका उद्देश्य नागरिकों, व्यवसायों और सरकार के अन्य अंगों के साथ संबंधों में सकारात्मक परिवर्तन लाना है।
- इसने सरकार को कवरेज बढ़ाने, पारदर्शिता में वृद्धि करने, नागरिकों के प्रति अनुक्रिया में सुधार करने और लागत कम करने में सहायता की है। साथ ही, नागरिकों को बेहतर पहुंच, समानता और सामाजिक सशक्तीकरण की सुविधा प्रदान की है।
हैदराबाद घोषणा की मुख्य विशेषताएं
- आधार, यू.पी.आई. डिजिलॉकर, उमंग, ई-साइन आदि का उपयोग करके नागरिक सेवाओं को बदलना। प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों (जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि आदि) में राष्ट्रीय स्तर के सार्वजनिक डिजिटलप्लेटफॉर्न्स का बहुतजल्दी कार्यान्वयन करना।
- उभरती हुई प्रौद्योगिकियों जैसे आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, 5जी आदि के जिम्मेदारीपूर्णउपयोग को बढ़ावा देना।
- महामारी जैसी बाधाओं से निपटने के लिए मजबूत तकनीकी समाधान सुनिश्चित करना। – डिजिटल तकनीक को सरकारी सेवा डिजाइन और वितरण का प्राथमिक पहलू बनाना।
- राष्ट्रीय ई-गवर्नेस सेवा वितरण का मूल्यांकन (NeSDA) को MeITYके सहयोग से अपनाया जाएगा।
कुछ ई-गवर्नेसपहलें:
- भूमि परियोजना (कर्नाटक): भूमि रिकॉर्ड की ऑनलाइन उपलब्धता।
- ई-सेवा: (आंध्र प्रदेश)।
- ज्ञानदूत (मध्य प्रदेश): सेवा आपूर्ति पहल।
- लोकवाणी (उत्तर प्रदेश): शिकायतों के निपटान,भूमि रिकॉर्ड के रख-रखाव और आवश्यक सेवाओं का मिश्रण प्रदान करने के लिए।
- फ्रेंड्स (FRIENDS) योजना (केरल):सेवाओं के वितरण के लिए तेज़, विश्वसनीय, कुशल व तत्काल नेटवर्क।
स्रोत – द हिन्दू