WTO में ई-कॉमर्स तथा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) में उपभोक्ता संरक्षण पर वैकल्पिक मॉडल

WTO में ई-कॉमर्स तथा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) में उपभोक्ता संरक्षण पर वैकल्पिक मॉडल

हाल ही में भारत ने WTO में ई-कॉमर्स तथा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) में उपभोक्ता संरक्षण पर वैकल्पिक मॉडल का विचार प्रस्तुत किया है।

  • भारत ने WTO में ई-कॉमर्स के संबंध में दो पेपर प्रस्तुत किए हैं। इनका उद्देश्य ई-कॉमर्स से संबंधित नियम बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श पर बल देना है।
  • वर्तमान में ई-कॉमर्स से संबंधित वार्ताएं प्लुरिलैटरल मोड में तो होती हैं, लेकिन यहां देशों के एक विशेष समूह का ही वर्चस्व बना हुआ है।
  • तात्पर्य यह है कि इन चर्चाओं में WTO के कुछ सदस्य शामिल होते हैं, न कि इसके सभी सदस्य।
  • भारत ने तर्क दिया है कि चूंकि ई-कॉमर्स क्षेत्र का विकासशील और गरीब देशों पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए इस पर मल्टीलेटरल स्तर पर वार्ता होनी चाहिए।
  • वर्ष 1998 में, WTO ने ई-कॉमर्स से संबद्ध सभी व्यापार संबंधी मुद्दों की व्यापक जांच करने के लिए ई-कॉमर्स पर एक वर्क प्रोग्राम की स्थापना की थी।
  • इस प्रोग्राम ने वस्तुओं में व्यापार परिषद, सेवाओं में व्यापार परिषद जैसी WTO संस्थाओं को वर्तमान WTO समझौतों और ई-कॉमर्स के बीच संबंधों का पता लगाने का निर्देश दिया था ।
  • यह ई-कॉमर्स पर अधिस्थगन (moratorium) लगाने पर सहमत हुआ था । इसका अर्थ यह था कि सदस्य देश इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण पर सीमा शुल्क नहीं लगाएंगे। इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण में सॉफ्टवेयर, ईमेल, डिजिटल संगीत, फिल्में, वीडियो गेम आदि शामिल हैं।

भारत द्वारा प्रस्तुत किए गए दो पेपर:

  1. उपभोक्ता संरक्षण पेपर: इसमें भारत ने भ्रामक विज्ञापनों, ऑनलाइन भुगतान सुरक्षा, डेटा संरक्षण, विवाद समाधान आदि से संबंधित कई नवीन चुनौतियों एवं मुद्दों का संयुक्त रूप से समाधान करने की आवश्यकता पर बल दिया है ।
  2. DPI पेपर: यह ई-कॉमर्स को अपनाने को सीमित करने वाली प्रमुख चुनौतियों को रेखांकित करता है। साथ ही, डिजिटल विभाजन की चुनौती से निपटने के लिए एक समाधान प्रस्तुत करता है।

विश्व व्यापार संगठन:

  • WTO को वर्ष 1947 में संपन्न हुए प्रशुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौते (General Agreement on Tariffs and Trade- GATT) के स्थान पर अपनाया गया।
  • WTO के निर्माण की पृष्ठभूमि गैट के उरुग्वे दौर (वर्ष1986-94) की वार्ता में तैयार हुई तथा 1 जनवरी, 1995 को WTO द्वारा कार्य शुरू किया गया।
  • जिस समझौते के तहत WTO की स्थापना की गई उसे “मारकेश समझौते” के रूप में जाना जाता है। इसके लिये वर्ष 1994 में मोरक्को के मारकेश में हस्ताक्षर किये गए।
  • WTO एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो देशों के मध्य व्यापार के नियमों को विनियमित करता है।
  • WTO का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है। भारत वर्ष 1947 में GATT तथा WTO का संस्थापक सदस्य देश बना।

स्रोत – द हिन्दुस्तान टाइम्स

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