ई – अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 के तहत सौर अपशिष्ट उपचार
केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री ने ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 के तहत सौर अपशिष्ट संबंधी प्रावधानों के संदर्भ में विवरण साझा किए हैं। ये नियम पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अधिसूचित किए थे।
- उपर्युक्त नियमों के अनुसार, सौर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल या पैनल या सेल के प्रत्येक उत्पादक और विनिर्माता को संबंधित पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा।
- उत्पन्न सौर PV मॉड्यूल या पैनल या सेल अपशिष्ट को वर्ष 2034 2035 तक भंडारित करना होगा ।
- यह सुनिश्चित करना होगा कि सौर PV मॉड्यूल या पैनल या सेल के अपशिष्ट के अलावा, अन्य अपशिष्टों का प्रसंस्करण भी वर्तमान में लागू नियमों या दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाए ।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा ।
- सौर अपशिष्ट, उपयोग हो चुके सौर पैनलों से उत्पन्न इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट हैं ।
- अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) का अनुमान है कि वर्ष 2050 तक वैश्विक PV अपशिष्ट 78 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा। यह भी अनुमान है कि भारत विश्व के शीर्ष पांच PV – अपशिष्ट उत्पादकों में से एक होगा।
सौर अपशिष्ट से जुड़ी चिंताएं
- सौर पैनलों के पुनर्चक्रण और अपशिष्ट के रूप में छोड़ने के बीच लागत में काफी अंतर मौजूद है। एक सौर पैनल के पुनर्चक्रण में 20-30 डॉलर का खर्च आता है, जबकि इसे लैंडफिल में डंप करने की लागत केवल 1-2 डॉलर है।
- इनमें सीसा, कैडमियम और अन्य विषाक्त पदार्थ होते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.