ईरान द्वारा ‘फोर्डो परमाणु संयंत्र’ में यूरेनियम संवर्धन शुरू
ईरान ने एक सुरक्षित स्थल पर नए सेंट्रीफ्यूज (अपकेंद्रित्र) के साथ यूरेनियम को 20% तक संवर्धित किया है ।
ईरान ने अपने फोर्डो (Fordo) परमाणु संयंत्र में यूरेनियम संवर्धन शुरू कर दिया है। इसके लिए उसने परिष्कृत सेंट्रीफ्यूज का उपयोग किया है।
सेंट्रीफ्यूज का उपयोग संवर्धित यूरेनियम की उच्च स्तर की शुद्धता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) की शर्तों के तहत ईरान यूरेनियम का 3.67% से अधिक संवर्धन नहीं कर सकता। उसे केवल रिएक्टर अनुसंधान संबंधी गतिविधियों के मामले में ही छूट दी गयी है।
JCPOA पर ईरान और P5+1 देशों ने हस्ताक्षर किए थे।
P5+1 देश हैं: चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका तथा जर्मनी (+1)। वर्ष 2018 में अमेरिका इस समझौता से बाहर हो गया था।
यूरेनियम का संवर्धन प्रभावी परमाणु ईंधन बनाने की एक प्रक्रिया है। ऐसा, प्राकृतिक यूरेनियम में U-235 के प्रतिशत को अलग-अलग संवर्धन स्तरों तक बढ़ाकर किया जाता है।
संवर्धन के अलग–अलग स्तर निम्नलिखित हैं:
- कम संवर्धित यूरेनियम: U-235 के 5% से नीचे इसे आमतौर पर परमाणु रिएक्टरों में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।
- अत्यधिक संवर्धित यूरेनियमः U-235 का 20% या अधिक यह आमतौर पर परमाणु अनुसंधान, नौसैनिक पोतों/पनडुब्बियों के प्रणोदन आदि में उपयोग किया जाता है।
- हथियार ग्रेड: U-235 का 90% या अधिक
यूरेनियम (U) के बारे में
- यह प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक रेडियोधर्मी तत्व है।
- प्राकृतिक रूप से 27% यूरेनियम U-238 के रूप में मौजूद है।
- शेष समस्थानिकों के रूप में मौजूद है। ये समस्थानिक हैं: U-235 (0.72%), U-234 (0.006%) आदि। यह सभी प्रकार की चट्टानों एवं मृदाओं में, जल व वायु में और प्राकृतिक तत्वों से बने पदार्थों में अल्प मात्रा में पाया जाता है।
- यह एक अभिक्रियाशील (reactive) धातु है। इसलिए, यूरेनियम पर्यावरण में मुक्त रूप से मौजूद नहीं है।
स्रोत –द हिन्दू