ईरान फरजाद बी गैस फील्ड प्रोजेक्ट
ईरान द्वारा हाल ही में फरजाद बी गैस फील्ड (Iran’s Farzad-B Gas Field) के विकास हेतु प्रोजेक्ट को अपनी ही एक स्थानीय कंपनी ‘पेट्रोपार्स ग्रुप’ को सुपुर्द कर दिया है।इससे भारत को काफी क्षति पहुंची है।
प्रमुख बिन्दु
- विदित हो की ईरान में फरजाद-बी गैस फील्ड की खोज भारत की ओएनजीसी विदेश लिमिटेड कंपनी(OVL) ने की थी।
- वर्ष 2008 में भारत की ओएनजीसी विदेश लिमिटेड’ने फारस की खाड़ी के अपतटीय अन्वेषण ब्लॉक में एक विशाल गैस क्षेत्र की खोज की इसे ही ‘फरजाद-बी गैस फील्ड’ नाम दिया गया ।
- इस खोज के लिए OVLऔर उसके सहयोगियों ने भारी निवेश भी किया था।लेकिन ईरान के द्वारा अब इस गैस फील्ड को खुद ही विकसित करने के फैसले से OVL को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा ।
- क्योंकि अब ईरान की ही स्थानीय कंपनी पेट्रोपार्स ग्रुप, फरजाद-बी गैस फील्ड से प्राकृतिक गैस का निष्कर्षण करेगी और फिर उसका विपणन करेगी। इससे भारत का ‘फरजाद-बी गैस फील्ड’ में अबतक किया हुआ निवेश भी डूब जाएगा।
- इससे पहले ईरान ने चाबहार रेलवे लिंक परियोजना के लिए भारत के 2 अरब डॉलर के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया था।
फरजाद-बी गैस फील्ड (Iran’s Farzad-B Gas Field)
- फरजाद-बी गैस फील्ड फारस की खाड़ी में स्थित है। इसमें 23 ट्रिलियन क्यूबिक फीट गैस के रिजर्व है।
- इसके अतिरिक्त, इस गैस फील्ड में गैस कंडेंनसेट्स हैं, जिसमें 5000 बैरल प्रति बिलियन क्यूबिक फीट गैस मौजूद है,जिसमे से 60 प्रतिशत तक गैस निकाली जा सकती है।इस फील्ड से अगले पांच साल तक प्रतिदिन 8 करोड़ क्यूबिक मीटर गैस का निष्कर्षण किया जा सकेगा ।
फारस की खाड़ी (Persian Gulf)
- संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार फारस की खाड़ी (Persian Gulf)हिंद महासागर के पश्चिम एशिया में ईरान और अरब प्रायद्वीप के बीच स्थित है।
- फारस की खाड़ी की सीमा आठ खाड़ी देशों बहरीन, ईरान, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से लगती हैं।
- इन सभी खाड़ी देशों के द्वारा ही फारस की खाड़ी के संसाधनों का दोहन किया जाता है।
- इस क्षेत्र का पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक महत्व इसलिए अधिक है।क्योंकि इस खाड़ी में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के प्रचुर मात्रा में भंडार हैं ।
फारस की खाड़ी का भारत के लिए महत्व
भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा फारस की खाड़ी से आयात करता है।इस क्षेत्र में स्थित देशों से भारत द्वारा पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस आयात की जाती है।इसके अतिरिक्त, भारत का एक बड़ा डायास्पोरा इन्हीं खाड़ी देशों में रहता है।
स्रोत – द हिन्दू