ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान में 84 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित यूरेनियम मिला
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA)के निरीक्षकों को ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान में 84 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित यूरेनियम मिला है।
उल्लेखनीय है कि 84 प्रतिशत तक की संवर्धित मात्रा परमाणु हथियार विकसित करने के लिए आवश्यक स्तर से कुछ ही कम है।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA)
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) स्थापना 1957 में हुई थी। इसका मुख्यालय वियना ( ऑस्ट्रिया) में स्थित है।
- IAEA परमाणु क्षेत्रक में सहयोग के लिए एक वैश्विक केंद्र है। यह परमाणु प्रौद्योगिकी के विश्वसनीय, सुरक्षित और शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देता है।
यूरेनियम–
- यूरेनियम एक रेडियोधर्मी भारी धातु है। इसकी परमाणु संख्या 92 है । यूरेनाइट (UO2) इसका प्राथमिक अयस्क है।
- यह अन्य खनिज निक्षेपों जैसे—ऑटुनाइट, कार्नोटाइट, टॉर्बर्निट, समार्काइट आदि के साथ पाया जाता है। इसके अलावा, यह मृदा और जल में भी अल्प मात्रा में मौजूद होता है।
- प्राकृतिक रूप से यूरेनियम तीन प्रमुख समस्थानिकों में प्राप्त होता है । ये समस्थानिक हैं- U-238 (99.27 प्रतिशत), U-235 (0.72 प्रतिशत) और U-234 (0.006 प्रतिशत)
- यूरेनियम संवर्धन से तात्पर्य एक प्रभावी परमाणु ईंधन का निर्माण करना है । इस प्रक्रिया में अलग-अलग संवर्धन स्तरों पर प्राकृतिक यूरेनियम में पाए जाने वाले U-238 को हटाकर U-235 की को बढ़ाया जाता है।
संयुक्त व्यापक कार्ययोजना (JCPOA):
- वर्ष 2015 में ईरान के साथ एक परमाणु समझौता किया गया था । इस समझौते को संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) के नाम से जाना जाता है।
- इसके तहत ईरान केवल 3.67 प्रतिशत के स्तर तक ही यूरेनियम संवर्धन कर सकता है।
- JCPOA पर ईरान और P5+1 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। P5+1 में शामिल हैं – संयुक्त राज्य अमेरिका, यूके, चीन, रूस, फ्रांस और जर्मनी ।
- वर्ष 2018 में, संयुक्त राज्य अमेरिका इस परमाणु समझौते से बाहर निकल गया था और ईरान पर उसने फिर से प्रतिबंधों को लागू कर दिया था। इसके बाद से ईरान समझौते के तहत सहमत प्रतिबंधों का उल्लंघन करता रहा है ।
स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड