ईरान ने अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का अनावरण किया
हाल ही में ईरान ने स्वदेशी रूप से निर्मित अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल ‘फतह’ को प्रदर्शित किया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 1,400 किलोमीटर है।
- हाइपरसोनिक मिसाइल ऐसे हथियार को कहते हैं, जो ध्वनि की गति से पांच गुना तीव्र गति से गमन करता है । यह 5 मैक से अधिक या लगभग 6,174 किमी/घंटा की गति है ।
- हाइपरसोनिक मिसाइल पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान भरती हैं।
हाइपरसोनिक हथियार निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं:
- हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल: पहले इसे रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाता है, फिर यह अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ता है ।
- हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल: लक्ष्य निर्धारित हो जाने के बाद यह मिसाइल उस दिशा में एयर-ब्रीदिंग हाई-स्पीड इंजन या ‘स्क्रैमजेट’ द्वारा संचालित होती है ।
हाइपरसोनिक हथियारों के लाभ –
- ये मिसाइलें भूमिगत सुविधाओं में आसान लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए केवल गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) और गति द्वारा उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग करती हैं।
- ये मिसाइलें सुदूर, रक्षित और / या टाइम – क्रिटिकल खतरों (जैसे रोड – मोबाइल मिसाइल) के खिलाफ जवाबी व लॉन्ग रेंज हमले कर सकती हैं।
- इन हथियारों को बहुत तेज और फुर्तीले होने के लिए डिज़ाइन किया जाता है, ताकि ये पारंपरिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों की पकड़ में ना आ सकें ।
- हाइपरसोनिक हथियार कार्यक्रमों का विकास करने वाले देशों में अमेरिका, रूस और चीन अग्रणी हैं। इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया, भारत, फ्रांस, जर्मनी और जापान भी इस तरह की तकनीक विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।
- भारत ने अपने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के तहत मैक 6 स्क्रैमजेट इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की हाइपरसोनिक विंड टनल (HWT) परीक्षण सुविधा को शुरू किया गया है।
स्रोत – द हिन्दू