इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग अवसंरचना हेतु निर्देश
हाल ही में, नीति आयोग ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग अवसंरचना के निर्देशन हेतु निर्देश-पुस्तिका (Handbook) जारी की है ।
इसका उद्देश्य EV-चार्जिंग अवसंरचना का विकास करना और देश में विद्युत गतिशीलता की ओर त्वरित संक्रमण की सुविधा प्रदान करना है।
हैंडबुक फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर इम्प्लीमेंटेशन, ईवी चार्जिंग अवसंरचना की योजना, अनुज्ञा और निष्पादन पर व्यवस्थित दृष्टिकोण के माध्यम से सहायता करती है।
यह अनुमान लगाया गया है कि भारत को वर्तमान कार्यशील 2,000 चार्जिंग स्टेशनों (मार्च 2021) की तुलना में वर्ष 2026 तक कम से कम 4 लाख चाजिंग स्टेशनों की आवश्यकता होगी, ताकि निम्नलिखित पहुँच संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके:
- शहर में प्रति 3 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन और राजमार्गों के दोनों ओर प्रति 25 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन ।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इनिशिएटिव (EVI) EV30@30 लक्ष्य अर्थात् वर्ष 2030 तक कम से कम 30% नए इलेक्ट्रिक वाहनों के विक्रय करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए एक सुलभ और सुदृढ़ चार्जिग अवसंरचना की आवश्यकता है।
EV चार्जिंग अवसंरचना के विकास हेतु आरंभ की गई पहले
- चार्जर और चार्जिंग स्टेशनों पर आरोपित कर को 18% से घटाकर 5% किया गया है।
- इलेक्ट्रिक (और हाइब्रिड) वाहनों का तीव्र अंगीकरण एवं विनिर्माण (फेम-II/FAME-II) योजना के तहत EV चाजिंग अवसंरचना की स्थापना के लिए प्रोत्साहन (1000 करोड़ रुपये) राशि जारी की गई है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग अवसंरचना
केंद्रीय और राज्य स्तर पर विभिन्न हितधारकों की भूमिकाओं एवं उत्तरदायित्वों का उल्लेख करते हुए विद्युत मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश और मानक जारी किए गए थे। इन्हें संपूर्ण देश में सार्वजनिक EV चार्जिंग अवसंरचना के विकास में तेजी लाने के लिए जारी किया गया था।
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) को अपनाने में आने वाली प्रमुख चुनौतियाँ
- चार्जिंग अवसंरचना की कमी
- इलेक्ट्रिक वाहन (EV)का अत्यधिक महंगा होना
- इलेक्ट्रिक वाहन के लिए अनिश्चित तथा अविकसित नीतिगत परिद्रश्य
- इलेक्ट्रिक वाहन में पसंद अर्थात उपयुक्त प्रकारों का अभाव
- चार्जिंग में लगने वाला समय
स्रोत –पीआईबी