इबुप्रोफेन, रैनिटिडिन और कार्बामाजेपाइन नामक 3 अनुसूचित दवाओं में 50 प्रतिशत मूल्य वृद्धि
हाल ही में ,राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Pharmaceutical Pricing Authority -NPAA) ने तीन अनुसूचित दवाओं के लिए 50 प्रतिशत मूल्य वृद्धि की अनुमति प्रदान की।
राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPAA) ने मूल्य नियंत्रण के तहत तीन दवाओं के लिए एकमुश्त मूल्य वृद्धि की अनुमति दी है, जिनका उपचार के प्रथम चरण में उपयोग किया जाता है।
ये दवाएं हैं-
- इबुप्रोफेन (पीड़ानाशक), रैनिटिडिन (अम्लत्वनाशक) और कार्बामाजेपाइन (मिर्गी)।
मूल्य वृद्धि के कारण:
- कोविड-19 उपचार में उपयोग की जाने वाली प्रमुख दवाओं की मांग में वृद्धि के कारण सक्रिय दवा सामग्री (Active Pharmaceutical Ingredient: API) की कीमतों में वृद्धि हुई है।
- चीन से होने वाली धीमी आपूर्ति।
- उत्पादन लागत में वृद्धि और विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव।
अन्य तथ्य:
- भारत में, आवश्यक दवाओं की कीमतों को आवश्यक वस्तु अधिनियम (ECA), 1955 के तहत केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- इसका उद्देश्य लोगों के बड़े वर्ग के लिए दवाओं को सस्ता और आसानी से सुलभ बनाना है।
- दवा मूल्य नियंत्रण आदेश (Drug Price Control Order: DPCO) आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला एक आदेश है। यह आदेश सरकार को उचित मूल्य घोषित करने और आवश्यक बल्क ड्रग्स के मूल्यों एवं उनके निर्माण को विनियमित करने के लिए सशक्त करता है।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) तैयार की है।
- NLEM के तहत परिभाषित सभी आवश्यक दवाएं 2013 के तहत निर्धारित सूत्रण के रूप में मानी जाती हैं।
- NPAA, रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत विशेषज्ञों का एक स्वतंत्र निकाय है। यह NLEM के तहत दवाओं की कीमतों और उनकी उपलब्धता को लागू करता है।
स्रोत – द हिन्दू