इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (iDEX)
- हाल ही में इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (iDEX) ने 150वें अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) पर हस्ताक्षर करके बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
- रक्षा मंत्रालय ने iDEX के तहत रक्षा संबंधी नवाचार के लिए 150वें अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
- यह कॉन्ट्रैक्ट डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज के तहत भारतीय नौसेना परियोजना से संबंधित है।
इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (iDEX) के बारे में
- iDEX फ्रेमवर्क की स्थापना वर्ष 2018 में की गई थी। यह रक्षा क्षेत्र में सह-निर्माण और सह-विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- इसके तहत देश में रक्षा और एयरोस्पेस क्षमता का विकास करने के लिए स्टार्ट-अप्स की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- iDEX को रक्षा उत्पादन विभाग के तहत स्थापित रक्षा नवाचार संगठन (DIO) कार्यान्वित कर रहा है।
रक्षा नवाचार संगठन (DIO):
- DIO कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत गठित एक गैर-लाभकारी संगठन है।
- यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा वित्तपोषित है। यह iDEX को उच्च स्तरीय नीति मार्गदर्शन प्रदान करता है।
डिफेंस स्टार्ट–अप का महत्व
- इससे रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रक में आत्मनिर्भर बनने तथा नवाचार व प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा मिलेगा ।
- इससे युवा भारत की रक्षा संबंधी जरूरतों में योगदान कर सकेंगे।
- इससे रक्षा संबंधी उपकरणों के आयात को कम करने में मदद मिलेगी।
रक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए की गई अन्य पहलें
- डेयर टू ड्रीम : यह रक्षा पारितंत्र में योगदान करने के लिए स्टार्ट-अप और नवोन्मेषकों को बढ़ावा देने हेतु अखिल भारतीय नवाचार प्रतिस्पर्धा है।
- प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना : इसके तहत अलग-अलग रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए उद्योगों (विशेष रूप से MSMEs और स्टार्ट-अप्स ) को प्रोत्साहित किया जाता है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत क्रियान्वित कर रहा है।
- सृजन पोर्टल : रक्षा संबंधी आयात को कम करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) / स्टार्ट-अप्स / उद्योगों को विकास संबंधी सहायता प्रदान की जाती है।
स्रोत – पी.आई.बी.