इनर लाइन परमिट (ILP)
इनर लाइन परमिट (ILP)
हाल ही में , लद्दाख प्रशासन ने अपने संरक्षित क्षेत्रों की यात्रा करने वालेसभी भारतीय नागरिकों के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है।
यह कदम ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और भारत की संप्रभुता को रेखांकित करने के लिए उठाया गया है।
हालांकि, इन संरक्षित क्षेत्रों में जाने के इच्छुक विदेशियों कोअब भी एक संरक्षित क्षेत्र परमिट (Protected Area Permit) की आवश्यकता होगी। इसकी वैधता अब 7 दिनोंसे बढ़ाकर 15 दिन कर दी गई है।
इनर लाइन परमिटके बारे में (ILP)
- इनर लाइन परमिट किसी राज्य द्वारा जारी एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज (Official Travel Document) होता है। इस प्रकार का परमिट भारतीय नागरिकों को देश के अंदर के किसी संरक्षित क्षेत्र में एक निश्चित अवधि के लिए यात्रा करने की अनुमति प्रदान करता है।
- यह प्रणाली वर्तमान में चार उत्तर पूर्वी राज्यों यथाअरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम में लागू है।
- इसका उपयोग भारत में पूर्वोत्तर क्षेत्र के देशजसमुदायों की रक्षा के लिए तथा भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट कुछ क्षेत्रों में आवाजाही को विनियमित व निगरानी के अधीन करने के लिएकिया जाता है।
- इस अवधारणा की शुरुआत बंगाल पूर्वी सीमांत विनियमन 2 अधिनियम (Bengal Eastern Frontier RegulationAct), 1873 से हुई है। इसके तहत अंग्रेजों ने निर्दिष्ट क्षेत्रों 6 में प्रवेश को प्रतिबंधित करने और बाहरी लोगों के ठहरने को नियंत्रित करने संबंधी नियम निर्मित किए थे।
- इस अधिनियम का उद्देश्य “ब्रिटिश प्रजा’ (British Subjects) (भारतीयों) को इन क्षेत्रों में व्यापार करने से प्रतिबंधित कर क्राउन के अपने वाणिज्यिक हितों की रक्षा करना था।
स्रोत –पीआईबी
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