इथेनॉल सम्मिश्रण (Ethanol blending) प्राप्ति का लक्ष्य

इथेनॉल सम्मिश्रण (Ethanol blending) प्राप्ति का लक्ष्य

चीनी मिलें 12 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण (Ethanol blending) के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में अग्रसर हैं

तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने अक्टूबर में समाप्त होने वाले इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2022-23 के लिए अनुबंधित 514 करोड़ लीटर इथेनॉल में से अब तक 45 प्रतिशत प्राप्त कर लिया है।

इससे इन कंपनियों को इथेनॉल सम्मिश्रण बढ़ाकर 11.65 प्रतिशत करने में मदद मिलेगी। पिछले वर्ष की समान अवधि में 10 प्रतिशत सम्मिश्रण की उपलब्धि प्राप्त हुई थी।

चालू इथेनॉल आपूर्ति वर्ष में पेट्रोल के साथ 12 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इथेनॉल सम्मिश्रण से तात्पर्य एथिल अल्कोहल युक्त मिश्रित मोटर ईंधन से है। इसमें एथिल अल्कोहल कम–से–कम 99 प्रतिशत तक शुद्ध होता है।

इसे कृषि उत्पादों से प्राप्त किया जाता है और विशेष रूप से गैसोलीन के साथ समिश्रित किया जाता है ।

इथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में गन्ने का उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त, मक्का और भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास उपलब्ध अधिशेष चावल के उपयोग की भी अनुमति दी गई है।

सरकार इथेनॉल समिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम का क्रियान्वयन कर रही है। इसके तहत OMCs इथेनॉल समिश्रित पेट्रोल का विक्रय करती हैं।

पेट्रोल में औसतन 10 प्रतिशत इथेनॉल के मिश्रण के लक्ष्य को जून 2022 में प्राप्त कर लिया गया था। इसी को देखते हुए पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य प्राप्ति की निर्धारित अवधि को वर्ष 2030 की बजाय वर्ष 2025 कर दिया गया है।

हाल ही में, प्रधान मंत्री ने लक्ष्य प्राप्ति से दो साल पहले ही ‘E20 ईंधन’ पहल को लॉन्च किया है। इसके अंतर्गत 20 प्रतिशत इथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल को समिश्रित किया जाना है ।

इथेनॉल सम्मिश्रण का महत्त्व

यह कम प्रदूषण फैलाने वाला ईंधन है। यह पेट्रोल की तुलना में कम लागत पर समान दक्षता प्रदान करता है ।

यह ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करता है, कच्चे तेल के आयात बिल को कम करता है और अर्थव्यवस्था को निम्न कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर ले जाता है।

यह स्थानीय उद्यमों और किसानों को ऊर्जा से जुड़ी अर्थव्यवस्था में भाग लेने के लिए सक्षम बनाता है।

इथेनॉल सम्मिश्रण (Ethanol Blending)में सुधार के लिए किए गए उपाय

केंद्रीय बजट 2022-23 में गैर-मिश्रित ईंधन पर अतिरिक्त विभेदक उत्पाद शुल्क की घोषणा की गई है।

अनाज आधारित डिस्टिलरीज (आसवनियों) को भी ब्याज छूट योजना का लाभ दिया गया है।

जैव ईंधन के उत्पादन के लिए अधिक फीडस्टॉक की अनुमति देने हेतु राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति में संशोधन किए गए हैं।

उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत फ्लेक्स – फ्यूल इंजन और इसके घटकों को शामिल किया गया है ।

स्रोत – द हिन्दू

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