इडा हरिकेन (Ida Hurricane)
हाल ही में ‘इडा हरिकेन’ (Ida) एक अत्यंत खतरनाक ‘श्रेणी-4’ का हरिकेन अमेरिका के लुइसियाना से टकराया है। यह अमेरिका के अब तक के सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक है।
वर्ष 2005 में ‘कट्रीना’ हरिकेन की तबाही के बाद बनाए गए कई मील लंबे सेतु के लिये भी ‘इडा’ हरिकेन एक बड़ी चुनौती है।
प्रमुख बिंदु
- पृथ्वी पर सबसे अधिक शक्तिशाली एवं विनाशकारी तूफान हरिकेन ही होते हैं।
- इनका निर्माण मुख्यतः गर्म भूमध्यरेखीय जल में होता है क्योंकि ‘उष्णकटिबंधीय चक्रवात’ नम हवा को ईंधन के रूप में उपयोग करते हैं।
- जब गर्म, नम हवा समुद्र की सतह से ऊपर की ओर उठती है, तो यह निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनाती है।ऐसे में आसपास के क्षेत्रों से हवा इस जगह को भरती है और अंत में वह भी गर्म एवं नम होकर ऊपर उठ जाती है।
- जिससे चक्रवात के केंद्र में एक ‘आँख’ (Eye) का निर्माण होता है। यह सबसे शांत भाग है, क्योंकि हवा चक्रवात के केंद्र में पहुँचने से पहले ही गर्म हो जाती है और ऊपर की ओर उठ जाती है।
- जब गर्म हवा ऊपर उठती है और ठंडी होती है, तो यह नमी बादल का निर्माण करती है। बादलों और हवाओं की यह प्रणाली आगे बढ़ती है और घूमती रहती है।
- यह विक्षोभ समुद्र की गर्मी और उसकी सतह से वाष्पित होने वाले जल से उत्पन्न होता है।
- पृथ्वी के कोरियोलिस बल के कारण उत्तरी गोलार्द्ध में चक्रवात की गति घड़ी की सुई की दिशा के विपरीत अर्थात् वामावर्त (Counter Clockwise) और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त (Clockwise) होती है।
विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में चक्रवात के नाम:
टाइफून:चीन सागर और प्रशांत महासागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को ‘टाइफून’ कहा जाता है।
हरिकेन: पश्चिम भारतीय द्वीपों में (कैरेबियन सागर और अटलांटिक महासागर) इसे हरिकेन के नाम से जाना जाता है।
विली-विलीज़: उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात: दक्षिण-पश्चिम प्रशांत एवं हिंद महासागर क्षेत्र।
हरिकेन का वर्गीकरण:
- हरिकेन की तीव्रता को ‘सैफिर-सिंपसन हरिकेन विंड स्केल’ से मापा जाता है , जो हवा की गति के आधार पर उन्हें 1 से 5 के पैमाने पर मापता है।
- श्रेणी 3 या उससे अधिक में आने वाले हरिकेन को प्रमुख और खतरनाक हरिकेन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
स्रोत –द हिन्दू