इज़राइल फिलिस्तीन संघर्ष
हाल ही में इज़राइली पुलिस द्वारा दमिश्क गेट (Damascus Gate) पर एक बैरिकेड स्थापित किया गया। इसके साथ ही इजरायली पुलिस द्वारा अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa Mosque) पर हमला कर दिया गया, जिससे इजरायल और फिलिस्तीन ने एक दूसरे पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं।
इस हवाई हमले में गाजा के हमास समूह ने कई रॉकेटों के साथ हमला किया।इन रॉकेटों को इजरायली आयरन डोम ने इंटरसेप्ट किया और उन्हें हवा में ही ध्वस्त कर दिया।
आयरन डोम क्या है?
- यह एक वायु रक्षा प्रणाली जो किसी भी मिसाइल या रॉकेट को बेअसर कर देता है। यह शॉर्ट-रेंज ग्राउंड एयर-टू-एयर डिफेंस प्रणाली है जिसका उपयोग रॉकेट, मोर्टार, विमान, हेलीकॉप्टर, मोर्टार आर्टिलरी और मानव रहित वाहनों का मुकाबला करने के लिए किया जाता है।
आयरन डोम की उत्पत्ति
- इजरायल-लेबनान युद्ध के दौरान वर्ष 2006 में, हिजबुल्लाह (Hezbollah) ने इजरायल परबहुत से रॉकेट दागे थे।इसके पश्चात इज़राइल ने कहा कि इज़राइल सरकार अपने लोगों और शहरों की सुरक्षा के लिए एक हवाई रक्षा प्रणाली विकसित करेगा।इसके बाद ही इज़राइल द्वारा आयरन डोम विकसित किया गया था।
आयरन डोम के बारे में
- इसे 2011 में तैनात किया गया था। राफेल एडवांस सिस्टम्स के अनुसार, आयरन डोम ने अब तक दो हजार से अधिक इंटरसेप्शन किये हैं। इसकी सफलता की दर 90% से अधिक है। यह फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस, शहरी क्षेत्रों, सुरक्षाबलों की रक्षा करने में सक्षम है। यह सभी मौसम की स्थिति में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह दिन और रात में भी संचालित किया जा सकता है। इंटरसेप्टर तामिर मिसाइल (Tamir Missile) की लागत 80,000 डॉलर है। इसकी बैटरी और फुल यूनिट की कीमत 50 मिलियन डॉलर है।
आयरन डोम की कार्यप्रणाली
आयरन डोम के इंटरसेप्टर में आने वाले रॉकेट का जैसे ही पता लगाता हैं, तो वह अपने ही रॉकेट को विस्फोट कर टुकड़े बिखेरता है। विस्फोटित रॉकेट के टुकड़े रॉकेट वारहेड से टकराएंगे। हालांकि, इंटरसेप्टर रॉकेट महत्वपूर्ण है। यह सभी दिशाओं में मिसाइलों को इंटरसेप्ट करता है। यह इंटरसेप्टर मिसाइल और रडार के बीच एक कामकाजी संबंध स्थापित करता है।
यह तीन प्रणालियों पर आधारित है, ये सभी तीन प्रणालियां एक परिभाषित क्षेत्र पर एक शील्ड प्रदान करने के लिए एक साथ कार्य करती हैं।
- आने वाले खतरों को पहचानने के लिए डिटेक्शन एंड ट्रैकिंग रडार
- युद्ध प्रबंधन और हथियार नियंत्रण प्रणाली
- मिसाइल फायरिंग यूनिट
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस