भारत -इजरायल द्विपक्षीय वार्ता संपन्न
हाल ही में भारत और इजरायल के रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय वार्ता संपन्न हुई। वार्ता के पश्चात दोनों देशों ने “रक्षा सहयोग पर भारत-इजरायल विजन” को अपनाया है।
इसका उद्देश्य भारत-इजरायल रक्षा सहयोग संरचना के मौजूदा ढांचे को और मजबूत करना है।
भावी रक्षा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने से संबंधित एक आशय-पत्र (Letter of Intent) का भी आदान-प्रदान किया गया।
भारत और इजरायल के बीच वर्ष 1992 में पूर्ण राजनयिक संबंधों की स्थापना हुई थी। तब से इजरायल, भारत के शीर्ष रक्षा भागीदारों में से एक रहा है।
भारतीय रक्षा आयात में इजरायल का हिस्सा 13% है (SIPRI 2021)। इनमें महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियां और संयुक्त विकास परियोजनाएं शामिल हैं।
इनके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
- मिसाइलः बराक-8 (सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल) और स्पाइक (एक टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल), तथा
- मानव रहित हवाई यान (UAVs): जैसे हारोप और हेरॉन।
- वर्ष 2021 में, दोनों देशों ने व्यापक 10-वर्षीय रोडमैप तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करने का निर्णय लिया था। इसका उद्देश्य सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करना है।
सहयोग के अन्य क्षेत्र-
- कृषिः बागवानी, सूक्ष्म सिंचाई आदि में इजरायल की विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकियों से लाभ उठाया जा रहा है। इस क्षेत्र से संबंधित कई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए
- आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधः भारत वर्ष 2020-21 में इजरायल का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवाचार, स्वास्थ्य देखभाल, अंतरिक्ष आदि जैसे अन्य क्षेत्रों में भी समझौते किये गए हैं।
- उत्तर प्रदेश ने बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट को दूर करने के लिए इजरायल के साथ ‘सहयोग की योजना’ पर हस्ताक्षर किए हैं।
स्रोत –द हिन्दू