इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (India Industrial Land Bank)
इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (India Industrial Land Bank)
हाल ही में ,अप्रैल 2021 से भौगोलिक सूचना प्रणाली (Geographical Information System –GIS) आधारित पोर्टल ‘इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक’ (India Industrial Land Bank- IILB) ने अपने पृष्ठ को देखे जाने (पेज व्यू) के मामले में 30 % की वृद्धि दर्ज की है।
मुख्य बिंदु:
- उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade -DPIIT) ने संसाधनों के अनुकूलन, औद्योगिक उन्नयन तथा स्थिरता के प्रति प्रतिबद्ध नजरिया अपनाने के लिये सम्पूर्ण देश भर के औद्योगिक क्षेत्रों एवं समूहों का एक GIS-सक्षम डेटाबेस IILB पोर्टल विकसित किया है।
- यह पोर्टल औद्योगिक बुनियादी ढाँचे से जुडी सूचनाओं जैसे- संपर्क (कनेक्टिविटी), आधारभूत संरचनाओं (इंफ्रा), प्राकृतिक संसाधन एवं क्षेत्र, खाली भूखंडों पर प्लॉट-स्तरीय जानकारी, कार्य प्रणाली तथा संपर्क विवरण तक निशुल्क एवं आसान पहुँच उपलब्ध करने हेतु वन स्टॉप सोल्यूशन के रूप में कार्य करता है।
- इसका प्रमुख उद्देश्य देश में इकाइयाँ स्थापित करने के इच्छुक संभावित निवेशकों को उपलब्ध भूमि के विषय में जानकारी प्रदान करना है। इससे राज्य भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) पोर्टल्स और राज्य भूमि बैंकों के लिंक भी प्रदान किये जाते हैं ।
भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS):
- वेब आधारित भौगोलिक सूचना तंत्र (GIS) में वेब तथा अन्य परिसंचालनों का प्रयोग कर स्थानिक जानकारी का अनुप्रयोग, सूचनाओं को संसाधित एवं प्रसारित किया जाता है।
- यह उपयोगकर्त्ताओं के आँकड़ों के एकत्रीकरण, विश्लेषण एवं परिणामों को अधिकतम लोगों तक प्रसारित करने में सहायता करता है तथा नीति निर्माताओं के लिये उपयुक्त आँकड़ों को उपलब्ध कराने में भी सहायक है।
- GIS कोई भी ऐसी जानकारी का उपयोग कर सकता है जिसमें स्थान शामिल है। स्थान को कई अलग-अलग माध्यम से व्यक्त किया जा सकता है, जैसे- अक्षांश और देशांतर, पता या ज़िप कोड।
- GIS में लोगों से संबंधित आँकड़े जैसे- जनसंख्या, आय या शिक्षा का स्तर आदि डेटा सम्मिलित हो सकता है।
- इसमें कारखानों, खेतों, स्कूलों, तूफानों, सड़कों और विद्युत लाइनों इत्यादि के संबंध में जानकारी भी सम्मिलित हो सकती है।
स्रोत: द हिन्दू
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