आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा “स्मार्ट सिटी, स्मार्ट शहरीकरण” सम्मेलन आयोजित
हाल ही में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने “स्मार्ट सिटी, स्मार्ट शहरीकरण” सम्मेलन आयोजित किया है।
सम्मेलन के दौरान निम्नलिखित प्रमुख पहलों की शुरुआत की गई:
- शहरी परिवर्तन पर सहयोग के लिए वर्चुअल हब: इस पहल की शुरुआत उभरती प्रौद्योगिकियों और नवाचारों का लाभ उठाने के लिए की गई है। यह स्मार्ट सिटीज मिशन और विश्व आर्थिक मंच के बीच साझेदारी में आरंभ हुई है।
- अर्बन आउटकम फ्रेमवर्क 2022: शहरों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेबुक और AMPLIFI (रहने योग्य, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार शहरी भारत के लिए आकलन एवं निगरानी मंच) पोर्टल लॉन्च किये गए हैं।
MoHUA ने घोषणा की है कि सभी स्मार्ट सिटीज में 15 अगस्त, 2022 तक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (ICCC) स्थापित कर दिए जाएंगे। ICCC नागरिकों को यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य, जल आदि क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करता है। 80 स्मार्ट शहरों को पहले ही ICCCs उपलब्ध करा दिया गए हैं।
स्मार्ट सिटीज मिशन के बारे में
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसे वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य स्थानीय क्षेत्र के विकास को सक्षम करना है।
- साथ ही, प्रौद्योगिकी का उपयोग करके आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
- इस मिशन के लिए 100 शहरों का चयन किया गया था। शहरों का चयन दो चरणों वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता के माध्यम से किया गया है।
- केंद्र सरकार 5 वर्षों में 48000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। प्रति शहर प्रति वर्ष औसतन 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जायेंगे।
- राज्य/शहरी स्थानीय निकायों द्वारा समान राशि प्रदान की जाएगी। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर बल दिया गया है।
कार्यान्वयनः इस मिशन का कार्यान्वयन इस उद्देश्य के लिए गठित विशेष प्रयोजन साधन (Special Purpose Vehicle: SPV) द्वारा किया जायेगा।
स्रोत –द हिन्दू