- 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में (economic recovery) V-आकार के सुधार की ओर अग्रसर हो रहा है।ऐसा भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचेम) द्वारा कहा गया है।
- कोविड – 19 संकट और अपर्याप्त वित्तीय उत्प्रेरण के कारण बहुत संभावना है कि भारत में आर्थिक पुनरुत्थान की आकृति लम्बे U-आकार में होगी।
क्या हैं आर्थिक पुनरुत्थान की आकृतियाँ:
Z आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान (Z-shaped recovery)
यह सबसे अच्छा परिदृश्य होता है जिसमें अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से सुदृढ़ हो जाती है। अर्थव्यवस्था को जो कुछ भी हानि (जैसे – तालेबंदी के पश्चात् बदले की भावना से खरीद) हो चुकी होती है, उसकी इस आकृति में तत्काल क्षतिपूर्ति हो जाती है।
V आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान (V-shaped recovery)
इसमें भी अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर आ जाती है और सामान्य वृद्धि की राह पर चल पड़ती है।
U आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान (U-shaped recovery)
इसमें अर्थव्यवस्था को संघर्ष करना पड़ता है और वृद्धि की दर कुछ समय तक निम्न स्तर पर रहती है और उसके पश्चात् धीरे-धीरे सामान्य स्तर तक पहुँचती है।
W आकृति वाला पुनरुत्थान (W-shaped recovery)
इसमें वृद्धि की दर बार-बार गिरती और बढ़ती है और अन्त में जाकर सामान्य दर पर पहुँच पाती है। इस प्रकार W की आकृति वाला चार्ट बन जाता है।
L आकृति वाला पुनरुत्थान (L-shaped recovery)
यह सबसे बुरा परिदृश्य होता है जिसमें एक बार गिर जाने के बाद अर्थव्यवस्था निम्न स्तर पर टिकी रहती है और उसे फिर से पटरी पर आने में बहुत-बहुत समय लगता है।
J आकृति वाला पुनरुत्थान (J-shaped recovery)
यह परिवेश तनिक यथार्थ से दूर होता है, क्योंकि इसमें वृद्धि बहुत तेजी से होती है और ऊँचे स्तर पर बहुत समय तक टिक जाती है।
आर्थिक पुनरुत्थान का आकार किन कारकों पर निर्भर है?
आर्थिक पुनरुत्थान की आकृति का निर्धारण सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की गति और दिशा से होता है। इसके अतिरिक्त और भी कई कारक होते हैं, जैसे – राजकोषीय एवं मौद्रिक उपाय, उपभोक्ता की आय और भावना आदि।
स्रोत – द हिन्दू