नासा का चंद्रमा पर आर्टेमिस 1 प्रक्षेपण
- हाल ही में नासा ने अपोलो मिशन के 50 साल बाद चंद्रमा पर आर्टेमिस 1 का प्रक्षेपण किया है। आर्टेमिस 1 नासा की गहन अंतरिक्ष अन्वेषण प्रणालियों का पहला एकीकृत परीक्षण होगा।
- इन प्रणालियों में शामिल हैं- ओरियन अंतरिक्ष यान और स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS ) रॉकेट।
- चंद्रमा और मंगल ग्रह पर मानव भेजने की तैयारी के लिए जिन जटिल मिशनों की योजना बनाई गई है, उस कड़ी में यह पहला मिशन है।
आर्टेमिस 1 के उद्देश्य
- यह प्रदर्शित करना कि पृथ्वी के वायुमंडल से होकर वापस लौटते समय ओरियन का ऊष्मा रोधी कवच उच्च गति और उच्च ताप सहन कर सकता है।
- चंद्रमा और उससे आगे के मिशनों के लिए गहन अंतरिक्ष के विकिरण युक्त वातावरण का अध्ययन किया जाएगा।
- स्प्लेशडाउन (किसी अंतरिक्षयान की समुद्र में लैंडिंग) के बाद ओरियन को फिर से प्राप्त करना। इससे इंजिनीयर्स को भावी मिशनों के लिए जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
- ओरियन के ऑप्टिकल नेविगेशन सिस्टम का सत्यापन, क्यूबसैट (लघु उपग्रह) को स्थापित करना आदि जैसे उड़ान परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा ।
- आर्टेमिस – 2 : इसे वर्ष 2024 में प्रक्षेपित करने की योजना है। यह एक मानवयुक्त मिशन होगा। यह यान चंद्रमा की परिक्रमा करेगा, लेकिन उसके धरातल पर नहीं उतरेगा।
- आर्टेमिस–3: इसे वर्ष 2026 में प्रक्षेपित करने की योजना है। इसके तहत मानवयुक्त अंतरिक्ष यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा ।
अन्य चंद्र अन्वेषण मिशन
- लूना 2: यह चंद्रमा पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान था । यह अंतरिक्ष यान पूर्व सोवियत संघ (USSR) ने लॉन्च किया था ।
- अपोलो 11: यह चंद्रमा पर उतरने वाला पहला मानव मिशन था। यह संयुक्त राज्य अमेरिका का मिशन था।
- चंद्रयान 1: इसे वर्ष 2008 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो / ISRO) ने प्रक्षेपित किया था।
स्रोत – द हिन्दू