आर्टेमिस–1 (Artemis-1) चंद्र मिशन
हाल ही में नासा (NASA) ने रॉकेट इंजन में गड़बड़ी के कारण आर्टेमिस-1 (Artemis-1) चंद्र मिशन का प्रक्षेपण स्थगित किया है ।
- नासा के आर्टेमिस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा का अन्वेषण (अध्ययन) करना है। इस अन्वेषण का विशेष उद्देश्य मानव को चंद्रमा की सतह पर उतारने के साथ-साथ संभवत: उससे परे मंगल और अन्य ग्रहों पर उतारने की संभावनाएं भी तलाशना है।
- आटेमिस-1 मिशन एक मानव रहित परीक्षण उड़ान थी। आर्टेमिस-2 में एक चालक दल होगा। केवल आर्टेमिस-3 मिशन में चंद्रमा पर मानव को उतारने की संभावना है।
- आर्टेमिस-1 नए स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट की पहली उड़ान होने जा रहा था। SLS सबसे शक्तिशाली रॉकेटों में से एक है।
- इसे ओरायन (Orion) अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित करने के लिए बनाया गया है। ओरायन को गहन अंतरिक्ष में मानव को भेजने के मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- हाल के वर्षों में चंद्रमा पर देशों की रूचि बढ़ी है और इसलिए कई देशों ने आने वाले वर्षों में चंद्र मिशन की योजना बनाई है।
इनमें कुछ प्रमुख मिशन निम्नलिखित हैं:
- चंद्रयान-3: भारत,
- पाथफाइंडर लूनर ऑर्बिटरः दक्षिण कोरिया,
- लूना-25: रूस,
- स्लिम (SLIM): जापान आदि।
चंद्रमा के लिए हाल में रूचि बढ़ने के कारण–
- आर्थिक कारणः हीलियम -3 हीलियम तत्व का एक समस्थानिक है। यह चंद्रमा पर प्रचुर मात्रा में मौजूद है, लेकिन पृथ्वी पर दुर्लभ है। यह नाभिकीय संलयन के लिए एक संभावित ईंधन है।
- भविष्य की अंतरिक्ष खोजों के लिए एक बेस के रूप में: चंद्रमा पर परीक्षण करने से यह जानने में मदद मिलेगी कि अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों में जीवन कैसे प्रतिक्रिया करता है।
- पृथ्वी का अध्ययन करनाः ऐसा इसलिए, क्योंकि चंद्रमा और पृथ्वी का साझा अतीत है।
स्रोत –द हिन्दू