आरबीआई की सुदर्शन सेन समिति का गठन
हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)ने परिसंपत्ति पुनर्निमाण कंपनी (Asset Reconstruction Companies) के रेगुलेशन की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की है।
यह समिति, तनावग्रस्त ऋण के समाधान में परिसंपत्ति पुनर्निमाण कंपनी की भूमिका का मूल्यांकन करेगी, और उनके व्यापार मॉडल की समीक्षा करेगी।
इस 6 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुदर्शन सेन करेंगे ।
समिति की आवश्यकता
- विदित हो कि वर्ष 2002 में सरफेसी अधिनियम अर्थात् ‘सिक्योरिटाइज़ेशनएंडरिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियलएसेट्सएंडएनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटीइंटरेस्टएक्ट’ (SARFAESIACT), लागू किया गया था।
- जिसके तहत वर्ष 2003 में संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARC) के लिए नियामक दिशानिर्देश जारी किए गए थे। तभी से ऐसेटरीकंस्ट्रक्शनकंपनियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती गई है । लेकिन अभी तक इन कपनियों ने तनावग्रस्तपरिसंपत्तियों की समस्या के समाधान करने में पूरी तरह से सफलता नहीं पाई है।
- विदित हो कि आरबीआई ने मौद्रिक नीति समिति के निर्णयों के तहत घोषणा की थी कि वह देश में ऐसेटरीकंस्ट्रक्शनकंपनियों के कार्यों की समीक्षा करेगा।
समिति के कार्य
- यह समिति संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लिए लागू कानून और नियामक ढांचे की समीक्षा करेगी। समिति अपनी पहली बैठक से 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करेगी।
- साथ ही समिति परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों की क्षमता बढ़ाने पर सलाह देगी और दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत तनाव ग्रस्त ऋण के समाधान में उनकी भूमिका की भी समीक्षा करेगी।
- एसेटरिकंस्ट्रक्शनकंपनियों के व्यवसाय मॉडल की समीक्षा करेगी एवं प्रतिभूति प्राप्तियों की तरलता और व्यापार में सुधार के लिए सुझाव देगी
- वित्तीय क्षेत्र की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एसेटरिकंस्ट्रक्शनकंपनियों को सक्षम करने के लिए उपयुक्त उपायोंभी प्रस्तुत करेगी
स्रोत – द हिन्दू