भारत में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) की स्थिति पर रिपोर्ट जारी
हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने भारत में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है ।
रिपोर्ट में बच्चे के समग्र विकास में प्रारंभिक शिक्षा के वर्षों के महत्व को रेखांकित किया गया है।
आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (Foundational Literacy and Numeracy: FLN) पढ़ने, लिखने और गणित में बुनियादी कौशल को संदर्भित करता है। यह कक्षा 3 के अंत तक एक मूलभूत पाठ को पढ़ने और समझने एवं सरल गणितीय गणना करने की क्षमता को भी व्यक्त करता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) और ‘बेहतर समझ और संख्यात्मक ज्ञान के साथ पढ़ाई में प्रवीणताके लिए राष्ट्रीय पहल/निपुण’ (National Initiative for Proficiency In Reading with Understanding and Numeracy: NIPUN) भारत दिशा-निर्देश भी FLN के महत्व को प्रकट करते हैं।
दस वर्ष से कम आयु के बच्चों में FLN की समग्र स्थिति पर एक सूचकांक प्रस्तुत किया गया।
सूचकांक में पांच स्तंभ शामिल हैं:
- शैक्षिक बुनियादी ढांचा, शिक्षा तक पहुंच, बुनियादी स्वास्थ्य, अधिगम परिणाम और अभिशासन।
सिफारिशें:
- FLN पर केंद्रित निवेश के साथ बजट आवंटन में वृद्धि करना।
- महिला और बाल विकास एवं शिक्षा मंत्रालय (पाठ्यक्रम, उपयुक्त कक्षाएं आदि) के बीच समन्वय का संरेखण आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता करना।
- दो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वाला मॉडल लागू करना, जिसमें एक कार्यकर्ता शिक्षा घटक के प्रति समर्पित होगा। वर्तमान कोविड परिदृश्य में प्रारंभिक ग्रेड के लिए पाठ्यक्रम का पुनर्गठन करना।
स्रोत – द हिन्दू