आदि महोत्सव

आदि महोत्सव

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री को गुजरात के अहमदाबाद में आदि महोत्सव (राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव) का उद्घाटन किया।

Aadi Mahotsav

आदि महोत्सव के बारे में:

  • आदि महोत्सव मेगा कार्यक्रम का आयोजन ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) द्वारा किया जा रहा है।
  • यह जनजातीय संस्कृति को राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का एक प्रयास है और यह जनजातीय संस्कृति, शिल्प, व्यंजन, वाणिज्य और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाता है।
  • इस आयोजन में, कुल 100 से अधिक स्टॉल भारत की जनजातीय संस्कृति, शिल्प कौशल, पाक कलात्मकता और आर्थिक प्रयासों के बहुरूपदर्शक का प्रदर्शन करेंगे।
  • इस आदि महोत्सव में हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण के अन्य आकर्षणों के अलावा, ‘आदिवासियों द्वारा उगाए गए बाजरा’ का प्रदर्शन किया जाएगा।

ट्राइफेड के संदर्भ में:

  • भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED) की स्थापना वर्ष 1987 में हुई। यह राष्ट्रीय स्तर का एक शीर्ष संगठन है जो जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन कार्य करता है।
  • ट्राइफेड का मुख्यालय दिल्ली में है और इसके 13 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जो देश के विभिन्न स्थानों में स्थित हैं।
  • ट्राइफेड आदिवासी लोगों को स्थायी आधार पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए उत्पाद बनाने में मदद करता है|
  • यह स्वयं सहायता समूहों के गठन और उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने का भी समर्थन करता है|
  • आदिवासियों के लिए क्षमता वृद्धि, आदिवासी उत्पादों को बढ़ावा देना, और आदिवासियों के लिए उनके उत्पादों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और स्थायी आधार पर उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से विपणन अवसरों का निर्माण करना।
  • ट्राइफेड का प्रमुख उद्देश्य जनजातीय उत्पादों, जैसे- धातु कला, जनजातीय टेक्सटाइल, कुम्हारी, जनजातीय पेंटिंग, जिन पर जनजातीय लोग अपनी आय के एक बड़े भाग हेतु बहुत अधिक निर्भर हैं, के विपणन विकास द्वारा देश में जनजातीय लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है।

  ट्राइफेड की गतिविधियाँ:

  • लघु वनोत्पाद (MFP) विकास: जनजातीय लोगों की आजीविका का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है, गैर-काष्ठ वनोत्पाद जिसे सामान्यतः लघु वनोत्पाद कहा जाता है। इसमें पौधीय मूल के सभी गैर-काष्ठ उत्पाद शामिल हैं, जैसे बांस, बेंत, चारा, पत्तियाँ, गम, वेक्स, डाई, रेज़िन और कई प्रकार के खाद्य जैसे मेवे, जंगली फल, शहद, लाख, रेशम आदि हैं।
  • खुदरा विपणन और विकास: ट्राइफेड का लक्ष्य जनजातीय लोगों के लिए एक व्यावसायिक बाजार बनाना है, जहां वे अपने स्व-निर्मित उत्पाद बेच सकें| यह विभिन्न हस्तशिल्प, हथकरघा और प्राकृतिक एवं खाद्य उत्पादों के स्रोत का कार्य कर रहा है|

स्रोत – पीआईबी

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