आदित्य – L1 मिशन
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार भारत का पहला सौर मिशन, आदित्य-एल 1, अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा
सूर्य का अध्ययन करने वाला “आदित्य – L1 मिशन” के प्रक्षेपण के उद्देश्य से श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष बंदरगाह पर पहुंच गया है।
मुख्य बिंदु:
- इसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)-XL से प्रक्षेपित किया जाएगा ।
- इसका मुख्य उद्देश्य सौर ऊपरी वायुमंडलीय (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) गतिशीलता का अध्ययन करना और सौर कोरोना की भौतिकी और इसके ताप तंत्र को समझना।
- आदित्य -एल1 मिशन को एल1 कक्षा (जो सूर्य-पृथ्वी प्रणाली का पहला लैग्रेंजियन बिंदु है) में लॉन्च किया जाएगा जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन कि.मी. दूर है।
- L1 कक्षा में आदित्य-L1 लगातार सूर्य को देखने में सक्षम हो सकेगा । आदित्य-एल1 सूर्य और सौर कोरोना का अवलोकन करने वाला पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन है ।
पेलोड:
- आदित्य-एल1 में कुल सात पेलोड हैं, जिनमें से प्राथमिक पेलोड विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) है ।
- वीईएलसी एक सौर कोरोनोग्राफ है जो एक साथ इमेजिंग, स्पेक्ट्रोस्कोपी और स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री में सक्षम है ।
महत्व : अंतरिक्ष में किसी भी अन्य सौर कोरोनाग्राफ में सौर कोरोना की छवि को सौर डिस्क के इतने करीब से देखने की क्षमता नहीं है जितनी कि वीईएलसी कर सकता है। यह इसे सौर त्रिज्या के 1.05 गुना के करीब चित्रित कर सकता है।
आदित्य L1 मिशन के उद्देश्य:
- यह सूर्य के कोरोना, सौर उत्सर्जन, सौर पवनों, सौर ज्वालाओं (Solar flares ) और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) का अध्ययन करेगा, तथा
- यह चौबीसों घंटे सूर्य के चित्र लेगा ।
अन्य सौर मिशन निम्नलिखित हैं:
- नासा का पार्कर सोलर प्रोब
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की सोलर एंड हेलियोस्फेरिक वेधशाला,
- चीन का कुआफू – 1 सोलर प्रोब आदि
स्रोत – टाइम्स ऑफ इंडिया