केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने आदर्श कारागार अधिनियम (MPA), 2023 को अंतिम रूप दिया
केंद्र सरकार ने विस्तृत आदर्श कारागार अधिनियम, 2023 तैयार किया है। यह आजादी से पहले के ‘कारागार अधिनियम, 1894’ का स्थान लेगा।
कारागार अधिनियम,1894 मुख्यतः अपराधियों को हिरासत में रखने और जेलों में अनुशासन एवं व्यवस्था को बनाए रखने पर केंद्रित है ।
MPA, 2023 के माध्यम से मौजूदा 1894 के अधिनियम में निहित कमियों को दूर करने का प्रयास किया गया है। MPA 2023 का उद्देश्य जेल प्रबंधन में सुधार करना और कैदियों को कानून का पालन करने वाले नागरिकों में बदलना है। साथ ही, समाज में उनका पुनर्वास भी सुनिश्चित करना है।
दो अन्य संबंधित कानूनों- कैदी अधिनियम, 1900 और कैदियों का स्थानांतरण अधिनियम, 1950 की भी समीक्षा की गई है। इन अधिनियमों के प्रासंगिक प्रावधानों को MPA, 2023 में शामिल किया गया है।
देश में ‘कारागार’ और ‘कारागार में हिरासत में रखे गए व्यक्ति’ राज्य सूची के विषय हैं। ऐसे में MPA, 2023 राज्यों के लिए एक “मार्गदर्शक दस्तावेज” के रूप में कार्य करेगा।
नए आदर्श कारागार अधिनियम की प्रमुख विशेषताएं:
- इसमें महिला कैदियों, ट्रांसजेंडर्स आदि के लिए अलग कारागार व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।
- नए अधिनियम में शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना, कारागार विकास बोर्ड के गठन, कैदियों के प्रति व्यवहार में परिवर्तन संबंधी प्रावधान भी हैं।
- जेल प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर बल दिया गया है।
- जेलों में मोबाइल फोन जैसी प्रतिबंधित वस्तुओं का उपयोग करने पर कैदियों और जेल कर्मचारियों के लिए दंड का प्रावधान किया गया है। जेल कार्मिकों का यह कर्तव्य है कि वे कैदियों द्वारा ऐसी प्रतिबंधित वस्तुओं का उपयोग न होने दें।
- उच्च सुरक्षा वाली जेल, खुली जेल (ओपन जेल) और अर्ध-खुली जेल आदि की स्थापना व प्रबंधन के संबंध में प्रावधान किए गए हैं।
- कैदियों को कानूनी सहायता देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, कैदियों में अच्छे आचरण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें पैरोल व फरलो (Furlough) देने और सजा पूरी होने से पहले रिहाई के उपबंध भी किए गए हैं।
स्रोत : लाइव मिंट